वेवश लगते वीर, पसीना डारें।
तर्ज-
नैनन में बसे हमार—-
🥀गीत🥀
(11-9)
विषय-धनुष यज्ञ
💥🌼💥🌼💥
वेवश लगते वीर,
पसीना डारें।
दिल में नइयाँ जोर,
पसीना डारें।।
काँपत राजन आज,
होय जस जाड़ो।
धीरज देते छोड़,
मौन हो ठाड़ो।।
राजा लख कमजोर,
पसीना डारें।।
वेवश—
नीचे मुखड़ा डार,
शर्म अति भारी।
लगता सिर पै भार,
सोच दिल जारी।।
पीड़ा रइ झकझोर।
पसीना डारें।।
वेवश–
धनुष हिला न पाते,
वीर वलधारी।
धनुष तोड़ा राघव,
हर्ष नर नारी।।
राजा सब करजोर।
पसीना डारें।।
वेवश—-
💥🌼💥🌼💥
🥀प्रभु पग धूल🥀
लक्ष्मी कान्त सोनी
महोबा
उत्तर प्रदेश