उपराष्ट्रपति राष्ट्रीय जनजातीय पर्व ‘आदि महोत्सव’ का उद्घाटन 1 फरवरी 2021 को नई दिल्ली के आईएनए स्थित दिल्ली हाट में करेंगे
उपराष्ट्रपति राष्ट्रीय जनजातीय पर्व ‘आदि महोत्सव’ का उद्घाटन 1 फरवरी 2021 को नई दिल्ली के आईएनए स्थित दिल्ली हाट में करेंगे
उपराष्ट्रपति श्री एम. वैंकेया नायडू राष्ट्रीय जनजातीय पर्व ‘आदि महोत्सव’ का उद्घाटन 1 फरवरी 2021 को नई दिल्ली के आईएनए स्थित दिल्ली हाट में करेंगे। ये आयोजन जनजातीय कार्य मंत्रालय के अधीन भारतीय आदिवासी सहकारी विपणन विकास संघ (ट्राइफेड) द्वारा किया जाता है। उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा करेंगे। जनजातीय कार्य राज्य मंत्री श्रीमति रेणुका सिंह, ट्राइफेड अध्यक्ष श्री रमेश चंद मीणा और मंत्रालय सचिव श्री आर. सुब्रमणयम भी इस कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथियों के रूप में उपस्थित होंगे। आदि महोत्सव का आयोजन 1 फरवरी से 5 फरवरी 2021 के बीच किया जा रहा है।
आदि महोत्सव- आदिवासी संस्कृति, शिल्प, भोजन और वाणिज्य की भावना का उत्सव है जिसे 2017 में शुरू किया गया था और तब से सफलतापूर्वक इसका आयोजन हर वर्ष किया जा रहा है। यह महोत्सव देश भर से आदिवासियों की समृद्ध और विविध शिल्प और संस्कृति को एक स्थान पर लाकर लोगों को उससे रूबरू करवाने के मकसद से शुरू किया गया था।
कोविड-19 महामारी के कारण उत्पन्न विकट परिस्थितियों के चलते ट्राइफेड ने 2020 में ये महोत्सव आयोजित नहीं किया था, लेकिन अब इस परंपरा को फिर से शुरू किया जा रहा है। दिल्ली हाट में राष्ट्रीय जनजातीय महोत्सव में आदिवासी कला और शिल्प, चिकित्सा और उपचार, भोजन और लोककलाओं का प्रदर्शन और बिक्री शामिल होगी जिसमें देश के 20 से अधिक राज्यों के लगभग 1000 आदिवासी कारीगर, कलाकार और शेफ भाग लेंगे और अपनी समृद्ध पारंपरिक संस्कृति की एक झलक पेश करेंगे।
देश की आबादी में 8 प्रतिशत से अधिक जनजातियां हैं लेकिन वे समाज के वंचित वर्गों में से हैं। प्राकृतिक सादगी से प्रेरित, उनकी रचनाओं में एक कालातीत अपील है। हस्तशिल्प की विस्तृत श्रृंखला जिसमें हाथ से बुने हुए सूती, रेशमी कपड़े, ऊन, धातु शिल्प, टेराकोटा और मनके-कार्य शामिल हैं, सभी को संरक्षित और बढ़ावा देने की आवश्यकता है। आदिवासी कार्य मंत्रालय के तहत नोडल एजेंसी के रूप में ट्राइफेड आदिवासी लोगों की आय और आजीविका में सुधार करने के लिए काम कर रहा है। ये उनके जीवन और परंपराओं के तरीके को भी संरक्षित करता है।