वाराणसी में कोविड टीकाकरण अभियान के लाभार्थियों के साथ संवाद में प्रधानमंत्री के सम्‍बोधन का मूल पाठ

वाराणसी में कोविड टीकाकरण अभियान के लाभार्थियों के साथ संवाद में प्रधानमंत्री के सम्‍बोधन का मूल पाठ

हर-हर महादेव

बनारस के सभी लोगों को बनारस के सेवक का प्रणाम। इस कार्यक्रम में जुड़े हुए सभी डॉक्‍टर्स महानुभाव, मेडिकल स्‍टाफ, पैरा-मेडिकल स्‍टाफ, अस्‍पताल में जो सबसे ज्‍यादा महत्‍वपूर्ण काम करते हैं, सफाई रखते हैं वो हमारे सारे साथी, सारे भाई-बहन, कोरोना वैक्‍सीन से जुड़े सभी लोग, कोरोना वैक्‍सीन पाने वाले सभी लोग, मैं आप सबका अभिनंदन करता हूं। वैसे तो ऐसे समय मुझे आपके बीच होना चाहिए। लेकिन कुछ ऐसे ही हालात बन गए कि हमें virtually मिलना पड़ रहा है। लेकिन ये बात सही है कि काशी में, मैं जितना भी कर सकूं, करने के लिए हमेशा प्रयास करता हूं।

साथियो,

साल 2021 की शुरूआत बहुत ही शुभ संकल्‍पों से हुई है। और काशी के बारे में तो कहते हैं कि काशी के स्‍पर्श से ही शुभता सिद्ध में सिद्धि के अंदर ही बदल जाती है। इसी सिद्धि का परिणाम है कि आज दुनिया का सबसे बड़ा vaccination programme  हमारे देश में चल रहा है। और इसके पहले दो चरणों में 30 करोड़ देशवासियों को टीका लगाया जा रहा है। आज देश में ऐसा माहौल है, ऐसी इच्‍छाशक्ति है कि देश खुद अपनी वैक्‍सीन बना रहा है। वो भी एक नहीं, दो-दो Made in India Vaccine. आज देश की तैयारी ऐसी है कि देश के कोने-कोने तक वैक्‍सीन तेजी से पहुंच रही है और आज दुनिया की इस सबसे बड़ी जरूरत को लेकर भारत पूरी तरह से आत्‍मनिर्भर है। इतना ही नहीं, भारत अनेकों देशों की मदद भी कर रहा है।

साथियो,

बीते छह वर्षों में बनारस और आसपास के medical infrastructure में जो बड़ा बदलाव आया है उससे पूरे पूर्वांचल को कोरोना काल में बड़ी मदद मिली है। अब बनारस वैक्‍सीन के लिए उसी गति से आगे बढ़ रहा है। मुझे बताया गया है कि पहले चरण में बनारस में करीब-करीब 20 हजार से ज्‍यादा Health professionals को वैक्‍सीन लगाई जाएगी। इसके लिए 15 टीकाकरण  केंद्र बनाए गए हैं। मैं इस पूरे अभियान के लिए सभी Doctors, Nurses और Medical staff का अभिनंदन करता हूं, योगीजी की सरकार का अभिनंदन करता हूं, सभी डिपार्टमेंट के साथियों का अभिनंदन करता हूं।

साथियो,

यहां बनारस में आपके क्‍या अनुभव हैं, Vaccination में कोई दिक्‍कत तो नहीं है। ये सब जानने के लिए मैं आज आपके बीच आया हूं। Virtually हम बात करेंगे। मैं आज कोई भाषण करने के लिए नहीं आया हूं। और मुझे लगता है कि मेरी काशी और मेरी काशी के लोग, उनके जो फीडबैक हैं मुझे और जगह भी काम आएंगे। आपने खुद वैक्‍सीन ली भी है और Vaccination के अभियान में भी जुटे हैं, यानी हर प्रकार के लोग हैं। और मुझे बताया गया है कि सबसे पहले जिनसे मेरा संवाद होने का मुझे आज अवसर मिल रहा है, शायद वाराणसी जिला महिला अस्‍पताल की मैट्रन बहन पुष्‍पाजी शायद मुझसे बात कर रही हैं।

मोदी जी – पुष्‍पा जी नमस्‍ते।

पुष्‍पा जी – प्रणाम माननीय प्रधानमंत्री जी को मेरा। मेरा नाम पुष्‍पा देवी है। मैं जि‍ला महिला चिकित्‍सालय में मैट्रन के पद पर कार्यरत हूं सर, और मैं एक वर्ष  से मैट्रन का कार्य देख रही हूं।

मोदी जी – अच्‍छा आज सबसे पहले तो मैं आपको बधाई देता हूं क्‍योंकि आप उन लोगों में से हैं जिन्‍हें पहले चरण में वैक्‍सीन मिली है। एक समय था जब कोरोना का नाम सुनते ही लोग डर जाते थे। अब मैं पुष्‍पाजी जानना चाहूंगा कि आप क्‍या कहना चाहोगी, जो देश भी सुन रहा है आज आपको, मैं भी सुन रहा हूं।

पुष्‍पाजी – मैं कोरोना की वैक्‍सीन के लिए सबसे पहले अपने स्‍वास्‍थ्‍य‍कर्मियों की तरफ से आपको बहुत-बहुत धन्‍यवाद देना चाहती हूं। इस नाते की सबसे पहले आपके द्वारा स्‍वास्‍थ्‍य विभाग को चुना गया है और पहले चरण में 16.01 को सबसे पहले वैक्‍सीन मुझे भी लगाया गया है। मैं vaccinate हो चुकी हूं और मैं अपने-आपको बहुत ही सौभाग्‍यवती मान रही हूं। इस नाते सौभाग्‍यशाली हूं क्‍योंकि मुझे वैक्‍सीन लग गया है और इसके साथ-साथ मैं सुरक्षित महसूस कर रही हूं, अपने पूरे परिवार को सुरक्षित समझ रही हूं, समाज को सुरक्षित समझ रही हूं।  इसके साथ-साथ सर, मैं जो भी मेरा नर्सिंग स्‍टाफ है, पैरा-मेडिकल स्‍टाफ  है, मैं सबको इस वैक्‍सीन के लिए आग्रह कर रही हूं, बता रही हूं कि इससे मुझे कोई भी side effect नहीं है। मुझे किसी भी प्रकार की कोई परेशानी नहीं वैक्‍सीन लगने से। जैसे अन्‍य इंजेक्‍शन लगता है उसी प्रकार का  ये भी  इंजेक्‍शन लगा मुझे महसूस हुआ है। इस नाते आप लोग आगे बढ़कर सभी लोग इस वैक्‍सीन को लगाइए ताकि आप सुरक्षित रहें, आपका परिवार सुरक्षित रहे और आपका समाज सुरक्षित रहे।

मोदीजी – पुष्‍पाजी आप जैसे लाखों-करोड़ों वॉरियर्स और 130 करोड़ देशवासियों की सफलता है, Made In India Vaccine हम सबके लिए गर्व की बात तो है ही। अच्‍छा ये बताइए, जैसा आपने कहा, आपको कोई दिक्‍कत नहीं हुई, कोई mind effect भी नहीं हुआ है यानी आप बिल्‍कुल विश्‍वास से किसी को भी कह सकती हैं कि भई ये जो कुछ  भी किया आपने अनुभव, वो एकदम उत्‍तम अनुभव है?

पुष्‍पाजी – जी

मोदीजी – बताइए पुष्‍पाजी।

पुष्‍पाजी – जी सर?

मोदीजी – सुनाई दे रही है मेरी बात?

पुष्‍पाजी – जी सर।

मोदीजी – ऐसा है कि जब आप कह रही हैं कि आपको बिल्‍कुल जैसे रूटीन मे एक वैक्‍सीन होता है वैसा ही हुआ। कुछ लोगों के मन में थोड़ा चिंता रहती है। तो आप तो मैडिकल दुनिया से जुड़ी हुई हैं और आपने खुद ने लिया है। तो जरा लोगों को विश्‍वास मिले, ऐसी कुछ बात बताइए आप।

पुष्‍पाजी – लोगों को ये विश्‍वास दिलाना है कि देखिए ये आपके लिए बहुत ही महत्‍वपूर्ण वैक्‍सीन है। और हमारे माननीय प्रधानमंत्री के द्वारा जो नौ महीने के अंदर इतना मानें कि वैक्‍सीन उपलब्‍ध कराया है, जिससे कि सबसे पहले भारत में वैक्‍सीन लगना शुरू हुआ है। और ये वैक्‍सीन लगाने से आप लोग बिल्‍कुल सुरक्षित रहोगे और मन में किसी प्रकार को कोई डर आप लोग न लाएं कि वैक्‍सीन लगाने से हमें कोई इसका साइड इफेक्‍ट होगा या हमें कोई इसका नुकसान होगा। इस नाते सभी को वैक्‍सीन लगाना और अपने मन से डर को हटा देना और वैक्‍सीन लगाना है।

मोदीजी – चलिए पुष्‍पाजी, आपने बहुत सही कहा। कोई भी वैक्‍सीन बनाने के पीछे हमारे वैज्ञानिकों की कड़ी मेहनत होती है और इसकी एक पूरी वैज्ञानिक प्रक्रिया होती है। और आपने सुना होगा, शुरू में मुझ पर बड़ा प्रेशर आता था वैक्‍सीन जल्‍दी क्‍यों नहीं आती है? वैक्‍सीन कब लगाओगे? राजनीति में तो इधर की भी बात होती है उधर की भी बात होती है तो मैं एक ही जवाब देता था कि भई वैज्ञानिक जो कहेंगे वो ही हम तो करेंगे। ये हम पॉलिटिक्‍ल लोगों का काम नहीं है कि हम तय करें। और जैसे ही हमारे सब वैज्ञानिक और उनका process पूरा हो करके आया तो फिर हमने कहा चलो भई अब शुरू कहां से करें? तो हमने सबसे पहले उन लोगों के लिए सोचा जिनको रोजमर्रा patients से ही काम पड़ता है। अगर वो सुरक्षित हो जाते हैं, वो सलामत हो जाते हैं तो समाज के बाकी सबकी चिंता हो जाती है। और इतने लंबे समय की कठिन प्रक्रियाएं और वैज्ञानिक जांच-पड़ताल के बाद अब जब वैक्‍सीन आई है तो सबसे पहले मैं सभी स्‍वास्‍थ्‍य जगत से जुड़े लोग जिनको हमने priority दी है; कुछ लोग मेरे से नाराज भी हो रहे हैं कि साहब हमारे लिए जल्‍दी शुरू करो; लेकिन मेरा मत है कि सबसे पहले आप लोगों का हो जाए और जितना तेजी से हो जाए उतना चिंता कीजिए और इसको आगे बढ़ाइए। कई चरणों में ये तय किया गया है कि वैक्‍सीन को कोई बड़ा side effect नहीं है, तब पास किया गया है। इसलिए देशवासी अपने वैज्ञा‍निकों पर और डॉक्‍टर्स पर भरोसा करें और आप जैसे medical faculty के लोग जब कहते हैं तब लोगों को विश्‍वास होता है। पुष्‍पाजी आपको बहुत-बहुत बधाई। आप स्‍वस्‍थ रहिए और सेवा भी करते रहिए।

मोदीजी – रानी जी नमस्‍ते।

रानी कुंवर श्रीवास्‍तव – नमस्‍ते सर। माननीय प्रधानमंत्री जी को मैं समस्‍त काशीवासियों की तरफ से कोटि –कोटि प्रणाम करती हूं। सर, मेरा नाम रानी कुंवर श्रीवास्‍तव है। मैं District Women Hospital में एनम के पद पर छह साल से कार्यरत हूं।

मोदीजी – अब तक कितने वैक्‍सीन दिए हैं आपने पूरे छह साल में? एक दिन में कितने देते होंगे?

रानी कुंवर श्रीवास्‍तव – सर, एक दिन में हम करीब सौ इंजेक्‍शन लगाते हैं, 100 वैक्‍सीन लोगों को लगाते हैं।

मोदीजी – तो अब तक जो  आपके सारे रिकॉर्ड हैं वो इस वैक्‍सीन के समय ब्रेक हो जाने वाले हैं। क्‍योंकि अब आपको इतने लोगों को इंजेक्‍शन देना पड़ेगा शायद ये सारे रिकॉर्ड टूट जाएंगे।

रानी कुंवर श्रीवास्‍तव – सर, मुझे इस बात की बहुत खुशी है, मैं अपने-आपको बहुत खुशकिस्‍मत समझ रही हूं कि मुझे कोविड-19 जैसी भयानक बीमारी का वैक्‍सीन लगाने का अवसर मिल रहा है। इसके लिए मैं अपने-आपको बहुत ही खुशकिस्‍मत समझती हूं।

मोदीजी – तो लोग भी तो आपको आर्शीवाद देते होंगे ?

रानी कुंवर श्रीवास्‍तव – जी सर, बहुत-बहुत आर्शीवाद मिलता है। मेरे साथ-साथ सर लोग सबसे ज्‍यादा आपको आर्शीवाद देते हैं कि इतना जल्‍दी, दस महीने के अंदर कोरोना की वैक्‍सीन लॉन्‍च करवा दी और वो लोगों को लगने भी लगी है।

मोदीजी – देखिए, इसका हकदार मैं नहीं हूं। एक तो पहले आप हकदार हैं क्‍योंकि इतनी चिन्‍ता, अनिश्चितता, क्‍या होगा, कहीं घर पर तो हम कोरोना लेकर नहीं चले जाएंगे? इसके बीच भी आप लोगों ने हिम्‍मत के साथ काम किया, डटे रहे, गरीबों की, बीमारों की सेवा की। दूसरे हैं हमारे वैज्ञानिक। जो बिल्‍कुल विश्‍वास के साथ; एक अनजान दुश्‍मन था ये कोरोना, पता ही नहीं था क्‍या है, कैसा है; वो लेबोरेट्री में उसका पीछा करते रहे, करते रहे, करते रहे और उन्‍होंने ये रात-दिन मेहनत करके; और वैज्ञानिक तो आज के आधुनिक ऋषि हैं। उन सबने जो काम किया, तब जाकर हुआ है। इसलिए इसका क्रेडिट मुझे नहीं जाता है, आप सबको जाता है। चलिए, मुझे अच्‍छा लगा और आप बड़े विश्‍वास के साथ कर रही हैं। लोगों का विश्‍वास बढ़ाइए, काम को आगे बढ़ाइए। मेरी रानीजी को बहत शुभकामनाएं हैं। धन्‍यवाद।

रानी कुंवर श्रीवास्‍तव – थैंक्‍यू सर, नमस्‍कार।

 

मोदीजी – नमस्‍कार डॉक्‍टर।

डॉ. वी.शुक्‍ला –प्रणाम सर। मैं डॉ. वी.शुक्‍ला मुख्‍य चिकित्सा अधीक्षक पंडित दीनदयाल उपाध्‍याय वाराणसी से स्‍वयं तथा अपने चिकित्‍सालय परिवार की तरफ से माननीय प्रधानमंत्रीजी को सादर प्रणाम करता हूं।

मोदीजी – हां शुक्‍ला जी, क्‍या अनुभव आ रहा है जरा बताइए, हमारे काशीवासी सुखी हैं?

डॉ. वी.शुक्‍ला – सर, बहुत सुखी हैं। सब लोगों में काफी उत्‍साह है। इतने कम समय में हम लोग एक विकासशील देश होते हुए भी विकसित देशों की तुलना में उनसे भी वैक्‍सीन के मामले में आगे निकल गए हैं। हमारा चिकित्‍सक समुदाय और स्‍वास्‍थ्‍यकर्मी तो और ज्‍यादा गौरवान्वित हुए हैं कि आपने सबसे पहले उनको इस वैक्‍सीनेशन के लिए चुना। इसके लिए हम लोग गौरवान्वित हैं और आपका आभार प्रकट करते हैं।

मोदीजी – ये मैं आपका बहुत आभारी हूं, लेकिन सचमुच में आप लोगों ने अद्भुत काम किया है। इतने बड़े सकंट से देश को बचाने में कोरोना वॉरियर्स, इनकी बहुत बड़ी भूमिका है, और ये मैं बार-बार बोल रहा हूं। हां शुक्‍लाजी, बताइए।

डॉ. वी.शुक्‍ला – सर, इतने बड़े स्‍वास्‍थ्‍य विभाग को आपने जो विश्‍वास दिया कि सबसे पहले इन लोगों को टीकाकरण लगाना है उससे हम लोगों में एक उत्‍साह का संचार हुआ और दोगुने जोश से हम लोग अपने काम में जुट गए हैं और लोगों में भी ये संदेश जा रहा है कि जब हमारे प्रधानमंत्री ही खुद जो लोग इस बीमारी से या यूं कहिए कि हर बीमारी से जो लोग लगे हुए हैं इस बीमारी से लगे हुए जन समुदाय को बचाने में लगे हुए हैं, अगर प्रधानमंत्री और वैज्ञानिकों ने इन लोगों का चुनाव किया है कि सबसे पहले ये टीकाकरण करवाएंगे। इसका मतलब अपने-आप सिद्ध होता है कि ये वैक्‍सीन पूर्णतया सुरक्षित है।

मोदीजी – देखिए ये तो हमारा ईश्‍वर की कृपा रही कि हम पिछले चार-पांच साल से जो स्‍वच्‍छता अभियान चला रहे हैं, पीने के शुद्ध पानी का अभियान चला रहे हैं, टॉयलेट का अभियान चला रहे हैं; इन चीजों के कारण हमारे देश के गरीब से गरीब व्‍यक्ति में भी ये बीमारी से जूझने की ताकत तो पैदा हुई है। इन चीजों का हमें indirect benefit भी हो गया कि हमारा देश का गरीब नागरिक भी, उम्र वाला नागरिक भी इस कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ने में ताकतवर रहा। उसके कारण हमारे यहां मृत्‍यु दर बहुत कम हो गई। तो स्‍वच्‍छता हो, टॉयलेट हो, पानी हो, इन सारी चीजों ने बड़ी मदद की है। शुक्‍लाजी आप तो लीडर हैं, आपके पास  बहुत बड़ी टीम काम कर रही है। अलग-अलग लेयर के लोग काम कर रहे हैं। कुल मिला करके सबका विश्‍वास कैसा है? सारे साथियों का विश्‍वास कैसा है?

डॉ. वी.शुक्‍ला – जी अच्‍छा है। सब लोग पूर्ण रूप से संतुष्‍ट हैं। किसी को किसी प्रकार का भय नहीं है। टीकाकरण शुरूआत होने से पहले भी हम लोगों ने इस पर सामूहिक discussion किया और सबके मन में ये भाव बताया कि सब लोग बाहर निकलें, समाज को ये बताएं कि एक मामूली टीकाकरण जो बहुत सालों से होता आ रहा है, उसके बाद भी कहीं न कहीं छोटा सा, थोड़ा-मोड़ा छोटा सा effect जैसे कि हल्‍का सा दर्द या बुखार, सर्दी-जुकाम, ये एक सामान्‍य बात है, ये होना कोई बहुत बड़ी बात नहीं है। और इस वैक्‍सीन के बाद ये भी चीजें आ सकती हैं हम लोगों को आ सकती हैं, इसलिए इससे घबराना की कोई जरूरत नहीं है। फिर भी अगर किसी के मन में कोई संशय हो, उसको दूर करने के लिए हमने उस दिन सर्वप्रथम पहला टीका हमने अपने केंद्र पर लगवया और उस दिन हमारे या 82 पर्सेंट वैक्‍सीनेशन हुआ। और लोगों में इससे काफी आत्‍मविश्‍वास बढ़ा और सब लोग आगे बढ़ करके इसका प्रचार कर रहे हैं।

मोदीजी – देखिए, हम अगर दुनिया को कुछ भी कहेंगे कि चिंता मत करो, वैक्‍सीन लगा लो; उसके बजाय आप लोगों का एक शब्‍द भी, मेडिकल प्रोफेशन से जुड़ा  एक व्‍यक्ति भी ये जब कहता है तो patient का बड़ा भरोसा बढ़ जाता है। नागरिक का भी भरोसा बढ़ जाता है। और इसलिए आपसे भी लोग भांति-भांति के सवाल पूछते होंगे, आपका सिर खा जाते होंगे, तो कैसे handle करते हैं आप?

डॉ. वी.शुक्‍ला – सर, छोटे-मोटे प्रभाव हर वैक्‍सीनेशन के बाद आते हैं, ये हम लोगों को समझाते हैं। अब जो लोग, अभी तक कल तक हमारे देश में 10 लाख लोगों को वैक्‍सीनेशन हो चुका है और उसमें बहुत ही कम संख्‍या में लोग आए हैं जिनको मामूली स्‍तर का भी प्रभाव आया है। हम लोगों ने जितने लोगों का यहां पर टीकाकरण करा है, उस टीकाकरण के बाद क्‍योंकि आधा घंटा यहां पर बैठना था, उसके बाद सब लोग अपने-अपने कार्य में पुन: लग गए। हमारे यहां पर सफाईकर्मी भी टीकाकरण कराने के बाद तुरंत सफाई में लग गए। हम लोग भी अपने सारे कार्यों में लग गए। अब गंभीर रूप से जो मरीज हैं, हार्ट के मरीज हैं, सांस के मरीज हैं, कैंसर के मरीज हैं; टीकाकरण उनको भी होना है तो अगर उनके साथ अगर किसी को अपने स्‍वाभाविक रूप से कोई बड़ी दुर्घटना हो जाती है, करोड़ों में एकाध लोगों के साथ तो उसको टीकाकरण से नहीं जोड़ा जाना चाहिए। ये एक सामान्‍य प्रक्रिया है और किसी भी तरह टीकाकरण किसी भी व्‍यक्ति को अमरत्‍व नहीं प्रदान करता है तो उस चीज को टीकाकरण से जोड़ना गलत है। ये एकदम सुरक्षित है इससे बड़ा प्रायोगिक रिपोर्ट दुनिया में और कहीं नहीं आ सकता यहां‍ जितना हमारे देश में हो गया। दस लाख लोग टीकाकरण करवा करके एकदम सुरक्षित हैं। ये हमारे लिए बहुत ही सौभाग्‍य की बात है और इससे हम विश्‍व में भी एक संदेश देंगे कि इतना बड़ा टीकाकरण इस बीमारी के खिलाफ भारतवर्ष के अलावा किसी अन्‍य देश में अभी तक नहीं हो पाया है।

मोदीजी – चलिए शुक्‍लाजी आपका आत्‍मविश्‍वास इतना जबरदस्‍त है और आपका नेतृत्‍व इतना जबरदस्‍त है और जैसा आपने इतनी सारी संख्‍या में आपके अस्‍पताल में सबका टीकाकरण करवा दिया है तो मैं सभी अस्‍पतालों से आग्रह करूंगा कि आप भी तय कीजिए कि आपके यहां 100 पर्सेंट का काम कितना जल्‍दी पूरा होता है। कम्‍पीटीशन चलाइए, वातावरण बनाइए कि भई हमारे अस्‍पताल में 100 पर्सेंट हो, तो क्‍या होगा; वो जो आगे का राउंड है वो हम जल्‍दी चालू कर सकते हैं। और जो 50 से ऊपर की उम्र के लोग हैं उन पर तुरंत हम काम शुरू कर सकते हैं। तो जैसा आपने इतना बड़ा नेतृत्‍व करके इतनी बड़ी तादाद में टीकाकरण करवा दिया, तो आप अभिनंदन के अधिकारी हैं। लेकिन आपसे प्रेरणा लेकर बाकी लोग भी अपने-अपने इंस्‍टीट्यूट में, अपने अस्‍पताल में जितने ज्‍यादा हमारे ये जो फ्रंट लाइन वॉरियर्स हैं, उनको मदद करेंगे तो अच्‍छा होगा। शुक्‍लाजी आपको, आपकी टीम को बहुत-बहुत बधाई देता हूं। धन्‍यवाद जी।

मोदीजी – रमेश जी नमस्‍ते।

रमेश चंद राय – प्रणाम सर, मैं माननीय प्रधानमंत्री जी  को सादर प्रणाम करता हूं। मैं रमेश चंद राय, सीनियर लैब टैक्‍नीशियन, पंडित दीनदयाल उपाध्‍याय राजकीय चिकित्‍सालय में कार्यरत हूं।

मोदीजी – आपने वैक्‍सीन ले लिया?

रमेश चंद राय – जी सर, ये तो मेरा सौभाग्‍य है कि पहले ही चरण में हमको वैक्‍सीन लगाने का मौका मिल गया।

मोदीजी – चलिए, वाह! तो अभी बाकियों का भी विश्‍वास बढ़ गया होगा। जब एक टैक्‍नीशियन फील्‍ड के टॉप व्‍यक्ति ले लेते हैं तो बाकियों का विश्‍वास अपने-आप बढ़ जाता है।

रमेश चंद राय – बिल्‍कुल सही सर। हम लोग तो सबको यही कहते हैं भई आप पहला डोज लगवा लिए हैं और दूसरा भी लगवाने के लिए तैयार रहिए। अपने सुरक्षित रहिए, अपने परिवार को सुरक्षित करिए, समाज को सुरक्षित करिए और देश को भी सुरक्षित करिए सर।

मोदीजी – आपने विश्‍वास से आगे बढ़ा दिया, अब आपकी पूरी टीम में क्‍या प्रभाव पैदा हुआ, उनमें विश्‍वास बढ़ गया है?

रमेश चंद राय – सर एकदम। उत्‍साह से लोग आ करके, सर, पहले चरण में तो 81 लोगों ने आ करके जो टीकाकरण कराया। 19 लोग संभवत: कहीं चले गए थे किसी कारण से। आज भी टीकाकरण हमारे यहां पूर्ण रूप से चल रहा है सर।

मोदीजी – चलिए रमेश जी, मेरी आपको भी बहुत शुभकामना है, आपकी पूरी टीम को भी बहुत शुभकामना है। बहुत-बहुत धन्‍यवाद आपका।

मोदीजी – श्रृंखला जी नमस्‍ते।

श्रृंखला चौहान – सर, मैं श्रृंखला चौहान की तरफ से सर आपको कोटि-कोटि  प्रणाम। सर, सीएससी हाथी बाजार, पीएससी सेवापुरी, एसडब्‍ल्‍यूसी वर्गी ANM के  पद पर कार्य कर रही हूं।

मोदीजी – सबसे पहले तो आपको मेरा बहुत-बहुत धन्‍यवाद। क्‍योंकि सचमुच में सेवापुरी में सेवा करके आप सेवापुरी का नाम भी सार्थक कर रही हैं और अपने परिवार का नाम सार्थक कर रही हैं। ये सेवा बहुत बड़ी कर रही हैं आप। और ऐसे संकट के समय जब सेवा करते हैं तो वो अमूल्‍य होती है जिसका कोई हिसाब-किताब नहीं लगाया जा सकता। और दुनिया का ये सबसे बड़ा वैक्‍सीनेशन प्रोग्राम आपके जैसे लोगों के द्वारा ही चलाया जा रहा है। अब तक आप कितने लोगों को वैक्‍सीन लगा चुकी हैं? आप एक दिन में कितने लोगों को लगाती हैं?

श्रृंखला चौहान – सर, सबसे पहले तो पहले ही चरण में 16 जनवरी, 2021 को मैं कोविशील्‍ड की पहली डोज खुद लगवाई और उस दिन ड्यूटी में वैक्‍सीनेटर के रूप में 87 लोगों का वैक्‍सीनेशन किया भी।

मोदीजी – अच्‍छा! आपने जिस  दिन लगवाई, उस दिन आपने इतना काम भी किया?

श्रृंखला चौहान – यस सर।

मोदीजी – अरे वाह ! अरे इतना बड़ा, 87 लोगों को यानी कोई छोटा-मोटा नहीं है। तो वो सब आपको आर्शीवाद देते होंगे?

श्रृंखला चौहान – यस सर। सर, हमने लास्‍ट में, जो लोग उस समय ड्यूटी पर थे तो उन सारे लोगों को लगाने के बाद में हमने भी वैक्‍सीन लगवाई थी।

मोदीजी – अच्‍छा। चलिए, मेरी आपको भी बहुत शुभकामनाएं हैं। और मुझे विश्‍वास है कि आप सबकी मेहनत से बहुत ही जल्‍द एक बार आप लोग सुरक्षित हो जाएंगे तो समाज के बाकी तबकों को भी आप आराम से वैक्‍सीनेशन के काम को आगे बढ़ाएंगे। आज आप सबसे मुझे बात करने का मौका मिला। मेरे मन को संतोष हुआ कि मैं इस वैक्‍सीनेशन के काम में भी मेरे काशीवासियों से मिल सका, उनसे बात कर सका और खास करके मेडिकल फ्रेटर्निटी के लोग हैं जो सचमुच में इस काम का नेतृत्‍व कर रहे हैं, उनके दर्शन करने का मौका मिला, उनसे बात करने का मौका मिला। तो मेरे लिए भी एक सौभाग्‍य के पल हैं। मैं फिर एक बार काशीवासियों से आग्रह करूंगा कि पहले राउंड में जिनका वैक्‍सीनेशन का काम चल रहा है वे भी जल्‍दी से जल्‍दी शत-प्रतिशत कर लें और फिर हम अगले चरण में जाए ताकि बाकी नागरिकों को जो 50 से ऊपर की उम्र के हैं, उनको मौका मिल जाए और हम तेजी से, एक काशी के सेवक के नाते मैं जरूर कहूंगा कि बहुत जल्‍दी हम काशी में इस काम को पूरा करें।

मेरी आप सबको बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

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