केंद्रीय कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने सिंधु जल संधि के निर्णय पर किसानों से संवाद किया
केंद्रीय कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने सिंधु जल संधि के निर्णय पर किसानों से संवाद किया
ऐतिहासिक निर्णय का विभिन्न राज्यों से आए किसान संगठनों ने एक स्वर में समर्थन किया
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने ऐतिहासिक अन्याय को समाप्त किया, उनका अभिनंदन- श्री चौहान
सिंधु के पानी का उपयोग अब देश व किसानों के हित में किया जाएगा – श्री शिवराज सिंह
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण व ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने सिंधु जल संधि के ऐतिहासिक निर्णय पर किसान संगठनों के साथ आज नई दिल्ली के पूसा परिसर स्थित शिंदे सभागार में महत्वपूर्ण संवाद किया। विभिन्न राज्यों से आए किसान संगठनों ने एक स्वर में श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार के इस महत्वपूर्ण निर्णय का स्वागत किया।
श्री शिवराज सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने इस ऐतिहासिक अन्याय को समाप्त किया, उनका अभिनंदन है। इस पानी का उपयोग अब देश एवं किसानों के हित में किया जाएगा।
केंद्रीय मंत्री श्री शिवराज सिंह ने कहा कि पहलगाम आतंकी घटना ने हम सभी को झकझोर दिया, इस घटना से सारा देश व्यथित हो गया था। हर दिल में गुस्सा था। हम किसी को छेड़ते नहीं है लेकिन ये भारत है, हमें कोई छेड़ता है तो हम उसे छोड़ते भी नहीं हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत की तरफ से आतंकवाद के खिलाफ जिम्मेदारीपूर्वक कड़ा जवाब दिया गया है। हमने सीधे पाकिस्तान पर हमला नहीं बोला, हमारी लड़ाई आतंकवाद से थी। हमने आतंकवादियों के अड्डों को ध्वस्त किया।
केंद्रीय मंत्री श्री चौहान ने पंजाब के किसान सरदार गोमा सिंह, जिन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान देश के जवानों के लिए अपना घर खाली कर दिया था, के प्रति आभार व्यक्त करते हुए उन्हें सम्मानित किया।
देशभर से आए किसान संगठनों के प्रमुखों ने एक स्वर में सिंधु जल संधि पर सरकार के रूख का समर्थन किया और समझौते को पूरी तरह निरस्त करने की मांग करते हुए कहा- 1960 में समझौता होने के बाद से ही पाकिस्तान की गतिविधियां समझौते के अनुकूल नहीं थी, जबकि भारत ने अक्षरश: समझौते का पालन किया।
किसान संगठनों ने केंद्रीय मंत्री से अपील की कि सिंधु नदी के पानी का विभिन्न राज्यों में उपयोग सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाएं, विशेषकर हिमाचल, जम्मू-कश्मीर, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश जैसे राज्यों को हक के पानी का वो लाभ मिल सके, जिससे वे इतने सालों तक वंचित रहे।
किसान संगठनों ने देश की किसी भी विकट स्थिति में मजबूती से साथ खड़े रहने का पुरजोर भरोसा दिलाते हुए कहा कि किसानों के खून में जज्बा व जुनून रहता है। किसान किसी अन्याय को बर्दाश्त नहीं करते और कहीं अन्याय हो तो वह हमेशा उसके विरोध में खड़े रहते हैं।
किसानों ने कहा कि सिंधु जल संधि संबंधी फैसला ऐतिहासिक निर्णय है और वह समझ सकते है इसे धरातल पर लाते-लाते एक प्रक्रिया के दौर से गुजरना पड़ सकता है, लेकिन चाहे जितना समय लगे, देश के किसान, सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहेंगे। सरकार ने बड़ा फैसला लिया है और किसान इसके प्रति आभारी है।
किसान संगठनों की ओर से यह भी कहा गया कि ‘खेत को पानी और फसल को दाम’ किसानों की समृद्धि के दो प्रमुख आधार है और सरकार इसी दिशा में किसानों की उन्नति के लिए काम कर रही है।
इस अवसर पर किसान संगठन प्रमुख श्री अशोक बालियान, श्री धर्मेंद्र मलिक, श्री सत्यनारायण नेहरा, श्री कृपा सिंह नाथूवाला, श्री सतविन्द्र सिंह कलसी, श्री मानकराम परिहार, श्री सतीश छिकारा, श्री बाबा श्याम सिंह, श्री बाबा मूलचंद सेहरावत, प्रो. वी.पी.सिंह, श्री राजेश सिंह चौहान, श्रीमती सुशीला बिश्नोई, श्री रामपाल सिंह जाट ने विचार रखें।