छप्पय छंद
🥀छप्पय छंद🥀
(विषम चरणी)
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रहो राम आधार,राम की गाथा गावै।
करो सदा गुणगान,रोज दर माथा नावै।।
राघव रहते पास,जान नहि कोई पावै।
करते सबके काज,शीश दर उनके नावै।।
छवि राघव उर में राखना।
आके रघुवर पालना।।
अब हरि मत हमको टालना।
पालो ईश्वर लालना।।
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देव हमें आशीष,राम जी बनो सहारे।
जान हमें नादान,गहो कर हाथ हमारे।।
आन पड़े दरवार,जरा प्रभु आन निहारो।
नाव पड़ी मझधार,नाव प्रभु आन निकारो।।
अब सज्जन रघुपति बोलना।
गली गली मत डोलना।।
अब हरि से नाता जोड़ना।
अब मत नाता तोड़ना।।
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🥀प्रभुपग धूल🥀
लक्ष्मी कान्त सोनी
महोबा
उत्तर प्रदेश