उन्नाव में चौंकाने वाला फर्जीवाड़ा: एक महिला, दो पहचान, वकालत की दुनिया में बड़ा खेल!

रिपोर्ट-नफ़ीस खान

उन्नाव। जनपद उन्नाव में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहाँ एक महिला द्वारा दो नामों — अलीशा अंसारी और फिरदौस परवीन — का प्रयोग कर कानून और न्यायपालिका के साथ बड़े स्तर पर धोखाधड़ी करने का आरोप लगा है। मामले ने तूल पकड़ लिया है और पुलिस प्रशासन से सवाल पूछे जा रहे हैं।

सूत्रों के अनुसार, वर्ष 2020 में बार काउंसिल प्रयागराज में फिरदौस परवीन नाम से रजिस्ट्रेशन कराते समय फर्जी तरीके से अलीशा अंसारी ने अपनी फोटो लगाई और झूठा शपथपत्र प्रस्तुत किया। इसके बाद उन्नाव बार में एडवोकेट के तौर पर पहचान बनाकर कई आपराधिक गतिविधियों को अंजाम दिया।

इतना ही नहीं, आरोप है कि अलीशा अंसारी ने उन्नाव कोर्ट से वकील के तौर पर कार्य करते हुए काला कोट पहनकर दो अलग-अलग नामों का इस्तेमाल किया। साथ ही अदालत परिसर में वकील की मुहर और बोर्ड भी लगाकर पेशे का दुरुपयोग किया।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, उक्त महिला ने 376, 354, 394, और 379 जैसी गंभीर धाराओं में निर्दोष लोगों पर झूठे मुकदमे दर्ज कराए और बाद में मुकदमे वापस लेने के नाम पर मोटी धन उगाही भी की।

जांच में यह भी सामने आया कि बार काउंसिल के दस्तावेजों में फिरदौस परवीन की मां का नाम ‘कहकसा परवीन’ अंकित है, जबकि अलीशा अंसारी से जुड़े मामलों में मां का नाम ‘मुन्नी बेगम’ दर्ज है। दोनों के पिता का नाम एक ही — स्वर्गीय निजामुद्दीन — बताया गया है, जिससे संदेह गहराता है कि एक ही महिला ने दो अलग पहचान बनाकर सरकारी दस्तावेजों का दुरुपयोग किया।

सूत्रों का दावा है कि सरकारी पेंशन पाने के उद्देश्य से अलीशा अंसारी और उसकी मां मुन्नी बेगम ने अपने पिता निजामुद्दीन को 2018 में जहर देकर मार डाला। वहीं, कोरोना काल में फिरदौस परवीन को भी जहर देकर गंगा में फेंकने की बात कही जा रही है। इसके अतिरिक्त, कहकसा परवीन को मारपीट कर कोमा में पहुँचाया गया, जिनकी मृत्यु 2023 में हुई।

एसपी उन्नाव से पूछे गए सवाल:

1. एक महिला को दो नामों का प्रयोग कर वकालत करने की अनुमति किसने दी?

2. किस कानून में दो अलग-अलग नामों को जोड़कर पेशेवर लाभ लेने की इजाजत है?

3. उन्नाव बार में बोर्ड और मोहर लगाने की स्वीकृति किस अधिकारी ने दी?

4. अलीशा अंसारी द्वारा 2017 और 2020 में दर्ज मुकदमों में एक ही वोटर आईडी (MLK2845808) का इस्तेमाल कैसे हुआ?

5. क्या एक महिला द्वारा दो अलग पहचान पत्रों और दो माताओं के नाम का उपयोग करना धोखाधड़ी नहीं है?

 

मामले में बार काउंसिल रजिस्ट्रेशन नंबर UP02898/2020 फिरदौस परवीन के नाम है, जबकि कोर्ट में दर्ज मामलों में वोटर आईडी अलीशा अंसारी के नाम से जुड़ी पाई गई है। दोनों की जन्मतिथि में भी पाँच साल का अंतर पाया गया है।

जनता और अधिवक्ता समुदाय ने इस गंभीर फर्जीवाड़े पर कड़ी कार्यवाही की मांग की है। लोगों ने एसपी उन्नाव से अनुरोध किया है कि कोतवाली गंगाघाट प्रभारी को तत्काल निर्देश देकर अलीशा अंसारी उर्फ फिरदौस परवीन के खिलाफ धोखाधड़ी और अन्य आपराधिक धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कर कानूनी कार्यवाही सुनिश्चित की जाए, ताकि न्यायपालिका की गरिमा बनी रहे और कानून का राज कायम हो।

उन्नाव से नफीस खान की विशेष रिपोर्ट।

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