केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री ने आरएफसीएल परियोजना की प्रगति की समीक्षा की

केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री ने आरएफसीएल परियोजना की प्रगति की समीक्षा की

लक्ष्मी कान्त सोनी

केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री, श्री डी. वी. सदानंद गौड़ा ने आज आरएफसीएल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, श्री निरलेप सिंह के साथ हुई एक बैठक में आगामी रामागुंडम फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स लिमिटेड (आरएफसीएल) के यूरिया संयंत्र निर्माण के प्रगति की समीक्षा की। इस बैठक में श्री आर. के. चतुर्वेदी, सचिव (उर्वरक), श्री धर्मपाल अपर सचिव एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।

 

मंत्री ने तेलंगाना के रामागुंडम में आरएफसीएल परियोजना की प्रगति पर संतोष व्यक्त किया। यह परियोजना 99.85% पूरी हो चुकी है और बहुत जल्द ही यह राष्ट्र को समर्पित कर दी जाएगी। एक बार आरएफसीएल परियोजना पूरा हो जाने के बाद, घरेलू यूरिया के उत्पादन में 12.7 लाख मीट्रिक टन की वृद्धि होगी और यह प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के यूरिया उत्पादन में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के दृष्टिकोण को पूरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।

बैठक के दौरान आरएफसीएल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, श्री निरलेप सिंह ने परियोजना में चल रही गतिविधियों के संदर्भ में एक संक्षिप्त जानकारी प्रदान की और आशा व्यक्त किया कि यह परियोजना बहुत ही जल्द राष्ट्र को समर्पित कर दी जाएगी।

तेलंगाना में इस यूरिया संयंत्र का शिलान्यास प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा 7 अगस्त 2016 को किया गया था। रामागुंडम फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स लिमिटेड (आरएफसीएल) तेलंगाना के रामागुंडम में 12.7 लाख मीट्रिक टन प्रतिवर्ष उत्पादन क्षमता वाली आगामी यूरिया इकाई है। यह एक संयुक्त उद्यम कंपनी (जेवीसी) है, जिसमें नेशनल फर्टिलाइजर्स लिमिटेड (एनएफएल), इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड (ईआईएल), फर्टिलाइजर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एफसीआईएल), तेलंगाना सरकार, गेल (इंडिया) लिमिटेड और एचटीएएस कंसोर्टियम की समान भागीदारी है। एक बार पूरा हो जाने के बाद, आरएफसीएल परियोजना यूरिया के आयात पर भारत की निर्भरता में कमी लाएगी और प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से सैकड़ों रोजगार के अवसर उत्पन्न करेगी।

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