चित्रकूट में आयोजित सनातन धर्म सदभाव सभा में ब्रह्माकुमारीज को मिला विशेष आमंत्रण

चित्रकूट में आयोजित सनातन धर्म सदभाव सभा में ब्रह्माकुमारीज को मिला विशेष आमंत्रण

रिपोर्ट-प्रवीण कुमार

चित्रकूट: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की चित्रकूट जिला इकाई द्वारा एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसका उद्देश्य सनातन धर्म और संस्कृति के विभिन्न परंपराओं के साधकों और संस्थाओं को एक मंच पर लाकर सद्भावना और एकता का संदेश देना था। इस कार्यक्रम का नाम “सनातन धर्म सदभाव सभा” रखा गया था, जो स्थानीय गायत्री मंदिर के सभागार में आयोजित किया गया। इस सभा में ब्रह्माकुमारी संस्थान को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया और कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारी बहनों की उपस्थिति ने सभा की गरिमा को और बढ़ाया।

राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी दुर्गेश नंदिनी बहन जी का उद्धाटन संदेश:

कार्यक्रम की शुरुआत ब्रह्माकुमारी संस्थान की चित्रकूटधाम क्षेत्र की संचालिका, राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी दुर्गेश नंदिनी बहन जी के “ओम शांति” के उद्घोष से हुई। उन्होंने सभा में उपस्थित सभी साधकों और भक्तों को आत्मा और परमात्मा के अद्भुत रिश्ते के बारे में बताया। उन्होंने कहा, “हम सभी एक पिता परमात्मा शिव की संतान हैं और हम सभी आत्माएं शांति के स्वरूप हैं।”

वह आगे कहती हैं कि “ओम शांति” का अर्थ केवल शांति की घोषणा नहीं है, बल्कि इसका पहला अर्थ यह है कि मैं आत्मा शांत स्वरूप हूं। दूसरा अर्थ है कि सभी आत्माएं शांत स्वरूप हैं, और तीसरा अर्थ यह है कि हम सभी शांति के सागर परमात्मा शिव की संतान हैं। उनका कहना था कि भारतीय संस्कृति “वसुधैव कुटुंबकम्” की महानता को सिखाती है, जिसमें यह मान्यता है कि चाहे हम किसी भी पंथ या पूजा पद्धति को मानने वाले हों, सबका परमात्मा एक है और हम सभी शांति के लिए प्रार्थना करते हैं।

उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा चलाए जा रहे सनातन धर्म एकीकरण और जागरण अभियान के लिए शुभकामनाएं दीं और आश्वासन दिया कि ब्रह्माकुमारी संस्थान इस अभियान में हर कदम पर साथ रहेगा, क्योंकि यह सद्भावना का प्रचार और प्रसार करने का एक शानदार प्रयास है।

ब्रह्माकुमार श्रीप्रकाश भाई जी का वक्तव्य:

इससे पूर्व ब्रह्माकुमार श्रीप्रकाश भाई जी ने प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय का परिचय दिया। उन्होंने संस्थान के उद्देश्यों और इसके विभिन्न कार्यक्रमों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ब्रह्माकुमारी संस्थान न केवल आध्यात्मिक उन्नति की दिशा में काम कर रहा है, बल्कि यह समाज में शांति, प्रेम और एकता को बढ़ावा देने के लिए निरंतर कार्यरत है।

साथ ही उन्होंने राजयोग एजुकेशन एंड रिसर्च फाउंडेशन (RE&RF) के द्वारा समाज के विभिन्न वर्गों के लिए चलाए जा रहे आध्यात्मिक कार्यक्रमों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि ब्रह्माकुमारी संस्थान मूल्यनिष्ठ शिक्षा प्रदान कर रहा है, जिससे व्यक्तित्व का निर्माण होता है और समाज में सद्भावना का विकास होता है।

डॉ. मदनगोपाल महाराज जी का संदेश:

कार्यक्रम में कामदगिरि प्रमुख द्वार के मुख्य कार्यकारी डॉ. मदनगोपाल महाराज जी ने भारतीय संस्कृति की उदारता और समावेशिता पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि श्रीराम इसलिए पूज्यनीय बने क्योंकि उन्होंने न केवल अपने समय के ऋषियों और संतों का सम्मान किया, बल्कि आदिवासी, भील और निषाद जैसे समाज के लोगों को भी अपनाया। उनका मानना था कि हम सभी मूल रूप से परमात्मा की संतान हैं और हमें एक-दूसरे के साथ प्रेम और सम्मान से व्यवहार करना चाहिए।

डॉ. मदनगोपाल महाराज जी ने ब्रह्माकुमारी संस्थान द्वारा चित्रकूट क्षेत्र में की जा रही आध्यात्मिक सेवाओं की मुक्त कंठ से प्रशंसा की और कहा कि इस संस्थान के जैसे विश्वव्यापी संगठन के सहयोग से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का यह अभियान निश्चित ही सफल होगा। उन्होंने सभी को मिलकर इस अभियान में भाग लेने का आह्वान किया।

स्वामी सत्य प्रकाश जी और अन्य प्रमुख वक्ताओं का योगदान:

निर्वाणी अखाड़ा परिषद के स्वामी सत्य प्रकाश जी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना से लेकर उसकी शताब्दी यात्रा के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि यह संगठन राष्ट्रभक्ति, सनातन एकता और सद्भावना को फैलाने में प्रभावी रूप से काम कर रहा है। उन्होंने सभी से इस नेक पहल में सहभागी बनने का आह्वान किया।

गायत्री मंदिर ट्रस्ट चित्रकूट के प्रबंधक श्री रामनारायण त्रिपाठी जी ने गायत्री परिवार के धार्मिक कर्मकांडों और जागरण अभियानों पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सभी सनातनियों का गोत्र एक है क्योंकि हम सभी ऋषि पुत्र हैं, और हमें बिना किसी भेदभाव के एक-दूसरे के साथ सद्भाव और सामंजस्य स्थापित करना चाहिए।

कार्यक्रम का समापन और आभार प्रदर्शन:

कार्यक्रम का संचालन श्री कमलाकांत उपाध्याय जी ने किया, जिन्होंने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि ब्रह्माकुमारी संस्थान में राजयोग की साधना से जीवन में शांति और एकाग्रता आती है। उन्होंने सभी को राजयोग की साधना सीखने की सलाह दी, ताकि जीवन में सकारात्मक बदलाव आ सके।

अंत में ब्रह्माकुमारी सोनू बहन जी ने एक सुंदर गीत प्रस्तुत किया और सभी को राजयोग कराया। कार्यक्रम का आभार प्रदर्शन डॉक्टर सिद्धार्थ रॉय, जिला सद्भाव प्रमुख द्वारा किया गया।

उपस्थिति:

कार्यक्रम में इस्कॉन मंदिर चित्रकूट से अनंत दास जी, पतंजलि योगपीठ चित्रकूट के प्रभारी भ्राता हेमंत सिंह जी, जिला संघ संचालक श्री रामाधार शुक्ल जी, जिला संघ कार्यवाह श्री अतुल सिंह जी, और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। यह कार्यक्रम चित्रकूट क्षेत्र में धार्मिक सद्भावना और एकता का प्रतीक बना।

 

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