पुलिस आरक्षक पहलाद सिंह ने रात्रि के 3:00 बजे कड़कड़ाती ठंड में पहुंचकर किया रक्तदान , जच्चा-बच्चा को मिला नया जीवनदान
*पुलिस आरक्षक पहलाद सिंह ने रात्रि के 3:00 बजे कड़कड़ाती ठंड में पहुंचकर किया रक्तदान , जच्चा-बच्चा को मिला नया जीवनदान*
*समाजसेवी राम बिहारी गोस्वामी द्वारा सोशल मीडिया पर रक्तदान का संदेश प्रसारित कर रात्रि लगभग 2:30 बजे की गई थी अपील*
मध्यप्रदेश के पन्ना जिला चिकित्सालय के ब्लड बैंक में ए बी पॉजिटिव ब्लड ग्रुप एवं बी पॉजिटिव ब्लड ग्रुप एक भी यूनिट मौजूद ना होने के कारण रात में मरीजों को खून के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है। बदले में खून देने के बाद भी संबंधित ब्लड ग्रुप उपलब्ध नहीं हो पाता है। दिनांक 20 एवं 21 जनवरी की दरमियानी रात्रि को पन्ना नगर के बेनीसागर मोहल्ला निवासी पुलिस आरक्षक रद्दी बंशकार की बहू श्रीमती काजल बंसल पति अजय बंसल उम्र 25 वर्ष को दूसरी बार प्रसव वेदना के कारण जिला अस्पताल पन्ना में भर्ती कराया गया था। जहां पर स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर मीना नामदेव द्वारा महिला का ऑपरेशन कराने के लिए कहा गया । साथ ही खून की अत्यंत कमी बताई गयी। जिसके बाद पीड़ित परिजनों द्वारा ब्लड बैंक में पहुंचकर अपने परिजनों का खून परीक्षण कराया गया। मगर किसी का भी बी पॉजिटिव उपलब्ध नहीं हो सका । जिसके बाद पुलिस आरक्षक रद्दी बंसल द्वारा पन्ना जिले के समाजसेवी राम बिहारी गोस्वामी को दूरभाष के माध्यम से जानकारी दी गई। समाजसेवी श्री गोस्वामी द्वारा रात्रि लगभग 2:30 बजे उनका फोन रिसीव करते हुए उनकी समस्या सुनी और सोशल मीडिया के माध्यम से रक्तदान की अपील की गयी। साथ ही पुलिस आरक्षक पहलाद सिंह को दूरभाष के माध्यम से पीड़ित महिला के संबंध में बताया गया। जिला पुलिस कंट्रोल रूम में पदस्थ पुलिस आरक्षक पहलाद सिंह बिना कोई विलंब किए जच्चा बच्चा के जीवन को बचाने के उद्देश्य कड़कड़ाती ठंड में जिला अस्पताल पन्ना में पहुंचकर पीड़ित महिला को स्वेच्छा से रक्तदान किया । जिसे पीड़ित महिला को समय पर खून मिल जाने के कारण जच्चा एवं बच्चा के जीवन को सुरक्षित किया गया है। रक्तदान दाता पहलाद सिंह ने कहा कि रक्तदान से किसी भी प्रकार की कमजोरी एवं बीमारी नहीं आती है । वर्ष में दो से तीन बार सभी स्वस्थ व्यक्तियों को रक्तदान करना चाहिए। इससे किसी के जीवन को बचाया जाता है। इसलिए रक्तदान अवश्य करें। पुलिस आरक्षक पहलाद सिंह ने बताया कि अभी तक उनके द्वारा जरूरतमंद लोगों को आधा दर्जन से अधिक बार स्वेच्छा से रक्तदान किया गया है। और रक्तदान कि जब भी सूचना मिले तभी रक्तदान करने पहुंचना चाहिए । समय पर खून नहीं मिलने पर जच्चा एवं बच्चा के जीवन को भी खतरा हो सकता है। इसलिए रक्तदान के कार्य में विलंब नहीं करना चाहिए।