देश में एविएन फ्लू की स्थिति
देश में एविएन फ्लू की स्थिति
17 जनवरी, 2021 तक महाराष्ट्र के सेंट्रल पोल्ट्री डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (सीपीडीओ (डब्ल्यूआर)), मुंबई और मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले में खेड़ा रोड स्थित पोल्ट्री में एविएन फ्लू के मामलों की पुष्टि हुई है।
इसके अलावा, मध्य प्रदेश के जिलों पन्ना, सांची, रायसेन, बालाघाट के कौओं और श्योपुर (कौए, उल्लू) व मंदसौर (हंस, कबूतर); छत्तीसगढ़ के जिलों बस्तर (कौए, कबूतर) और दंतेवाड़ा (कौए) के पक्षियों; उत्तराखंड की हरिद्वार और लैंसडाउनफॉरेस्ट रेंज के कौओं के नमूनों में एविएन फ्लू की पुष्टि हो गई है।
वहीं, दिल्ली में रोहिणी से लिए गए बगुले का नमूना एविएन फ्लू के लिए पॉजिटिव पाया गया है।
महाराष्ट्र में, आरआरटी तैनात कर दी गई हैं और सीपीडीओ, मुंबई सहित सभी प्रभावित केंद्रों में मुर्गियों को मारने का क्रम जारी है। इसके अलावा, मध्य प्रदेश में आरआरटी तैनात कर दी गई हैं। हरियाणा के प्रमुख केंद्रों में मुर्गियों को मारने का क्रम जारी है।
आज, राजस्थान और गुजरात से लिए गए नमूने जांच में एआई के लिए निगेटिव पाए गए।
देश के प्रभावित क्षेत्रों में हालात की निगरानी के लिए बनाए गए केन्द्रीय दल प्रभावित स्थानों का भ्रमण कर रहे हैं और महामारी अध्ययन कर रहे हैं।
राज्यों से पोल्ट्री और पोल्ट्री उत्पादों पर प्रतिबंध लगाने से जुड़े अपने फैसलों पर फिर से विचार करने और गैर प्रभावित क्षेत्रों/ राज्यों से आने वाले पोल्ट्री उत्पादों को बेचने की अनुमति देने का अनुरोध किया गया है। अच्छी तरह से पकाया गया चिकन और अंडों का उपभोग इंसान के लिए सुरक्षित है। वहीं, उपभोक्ताओं को ऐसी आधारहीन अफवाहों को हवा नहीं देनी चाहिए, जो अवैज्ञानिक हों और जिनसे भ्रम की स्थिति पैदा होती हो। इससे न सिर्फ पोल्ट्री और अंडों के बाजार पर, बल्कि पोल्ट्री और मक्के के किसानों पर नकारात्मक असर पड़ता है जो पहले से कोविड 19 महामारी के चलते लगाए गए लॉकडाउन से प्रभावित हैं।
महाराष्ट्र पशुपालन विभाग ने पक्षियों की असामान्य मौत की सूचना देने को किसानों के लिए एक टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर शुरू कर दिया है। राज्य सरकार ने विभागीय अधिकारियों और आम जनता दोनों के लिए संशोधित एविएन फ्लू कार्य योजना 2021 के क्रम में एविएन फ्लू से जुड़ी आवश्यक जानकारी जारी कर दी है। इसके साथ ही, बीमारी को फैलने से रोकने के लिए “संक्रमित क्षेत्र” आदि से संबंधित जरूरी अधिसूचनाएं राज्य सरकार द्वारा पहले ही जारी कर दी गई हैं।
यह भी बता दिया गया है कि बिना देरी के बर्ड फ्लू के मामलों पर रोकथाम के क्रम में, पशु अधिनियम, 2009 में संक्रामक और स्पर्शजन्य बीमारियों के उन्मूलन और नियंत्रण के अंतर्गत उल्लिखित शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए राज्य सरकार ने जिलाधिकारियों को एविएन फ्लू के उन्मूलन, नियंत्रण और निवारण के लिए राज्य में उनके स्थानीय क्षेत्राधिकार के भीतर आवश्यक शक्तियां दे दी हैं।
विभाग द्वारा जारी परामर्श के क्रम में राज्यों द्वारा समाचार पत्रों में विज्ञापन, सोशल मीडिया आदि के माध्यम से जागरूकता के प्रसार से जुड़ी गतिविधियां कर रहे हैं। साथ ही, ट्विटर और फेसबुक हैंडल्स जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स सहित विभिन्न मीडिया फ्लेटफॉर्म्स के माध्यम से एविएन फ्लू के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए निरंतर प्रयास जारी हैं और हालात से निपटने के तरीके जनता के बीच साझा किए जा रहे हैं।