एनएसओ, इंडिया द्वारा आईआईटी गांधीनगर में आयोजित ‘हैक द फ्यूचर’ हैकथॉन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ

एनएसओ, इंडिया द्वारा आईआईटी गांधीनगर में आयोजित ‘हैक द फ्यूचर’ हैकथॉन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ

एनएसओ, इंडिया ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान गांधीनगर (आईआईटीजीएन) के सहयोग से आज आईआईटीजीएन परिसर में ‘हैक द फ्यूचर’ शीर्षक से 36 घंटे का हैकथॉन सफलतापूर्वक संपन्न किया।

इस कार्यक्रम में भारत भर के प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों का प्रतिनिधित्व करने वाली 18 टीमों ने भाग लिया जिनमें आईआईटी, एनआईटी, आईआईआईटी आदि शामिल थे। प्रतिभागियों ने मंत्रालय और संस्थान के सलाहकारों के मार्गदर्शन में उनके सामने प्रस्तुत तीन अभिनव चुनौतियों का सामना किया। पांच जूरी सदस्यों ने अंतिम समाधानों का मूल्यांकन किया। जूरी सदस्यों में उद्योग जगत, शिक्षा और मंत्रालय के विशेषज्ञ शामिल थे।

सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के सचिव डॉ. सौरभ गर्ग, एनएसओ इंडिया के महानिदेशक श्री पीआर मेश्राम और आईआईटी गांधीनगर के निदेशक डॉ. रजत मूना समापन सत्र में उपस्थित थे।

अपने संबोधन में श्री पी.आर. मेश्राम ने सभी प्रतिभागियों को बधाई दी और कहा कि यह हैकाथॉन मंत्रालय की हाल जारी आधुनिकीकरण पहलों का विस्तार है। डॉ. मूना ने प्रतिभागियों को सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा उपलब्ध कराए गए व्यापक डेटासेट का लाभ उठाकर डेटा विज्ञान और सांख्यिकी में अपना कार्य जारी रखने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने मंत्रालय की अभिनव पहलों की भी सराहना की।

डॉ. गर्ग ने हैकाथॉन में राष्ट्रव्यापी भागीदारी पर संतोष व्यक्त किया और सभी फाइनलिस्ट टीमों को बधाई दी। उन्होंने प्रतिभागियों को राष्ट्र निर्माण के प्रयासों में योगदान देने के लिए इस क्षेत्र में काम करना जारी रखने के लिए प्रोत्साहित किया।

तीन श्रेणियों में शीर्ष तीन समाधानों को पुरस्कार प्रदान किए गए। चंडीगढ़ की प्लाक्षा यूनिवर्सिटी ने दो श्रेणियों में शीर्ष स्थान प्राप्त किया जबकि राजीव गांधी पेट्रोलियम प्रौद्योगिकी संस्थान ने शेष श्रेणी में पुरस्कार जीता। आईआईटी जम्मू, वीआईटी वेल्लोर और एनआईटी गोवा अपने-अपने श्रेणियों में दूसरे स्थान पर रहे जबकि एनएमआईएमएस मुंबई, आईआईआईटी वडोदरा और आईआईटी खड़गपुर ने अपने-अपने श्रेणियों में तीसरा स्थान प्राप्त किया।

यह कार्यक्रम बहु-हितधारक सहयोग के माध्यम से नवाचार को बढ़ावा देने की सामूहिक प्रतिबद्धता के साथ संपन्न हुआ।

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