सभी साथ मिलकर हिंदी के प्रयोग और प्रसार के लिए सार्थक प्रयास करें – श्री सतीश कुमार 

सभी साथ मिलकर हिंदी के प्रयोग और प्रसार के लिए सार्थक प्रयास करें – श्री सतीश कुमार 

आज रेल भवन में 154वीं रेलवे बोर्ड राजभाषा कार्यान्वयन समिति की बैठक का आयोजन किया गया, इस बैठक की अध्यक्षता श्री सतीश कुमार अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी रेलवे बोर्ड ने की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि हम सब साथ मिलकर हिंदी के प्रयोग और प्रसार के लिए जब सार्थक प्रयास करेंगे तभी हम देश के अधिक से अधिक लोगों तक पहुंच पाएंगे। रेल यात्रियों को बेहतर सेवा देना हम सबका परम कर्तव्य है।

उन्होंने कहा कि रेलवे से संबंधित सभी संरक्षा और सुरक्षा के साहित्य का हिंदी अनुवाद किया जाना आवश्यक है। साथ ही हिंदी में मौलिक लेखन पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए। भारतीय रेल में राजभाषा के नियमों का पालन अच्छे तरीके से किया जा रहा है, जो खुशी की बात है। हम सबको इसी तरह हिंदी के प्रयोग और प्रसार के लिए काम करते रहना है।

रेलवे बोर्ड राजभाषा कार्यान्वयन समिति की बैठक के पश्चात् राजभाषा में उत्कृष्ट कार्य करने वाले क्षेत्रीय रेलवे, मंडल, उत्पादन इकाइयों और अधिकारियों-कर्मचारियों को पुरस्कृत किया गया। सबसे पहले पूर्व मध्य रेल को ‘रेल मंत्री राजभाषा शील्ड’ प्रदान की गई। इस श्रेणी में उत्तर रेलवे को ‘रेल मंत्री राजभाषा ट्रॉफी’ प्रदान की गई।

‘आदर्श उत्पादन इकाई’ श्रेणी में बनारस रेल इंजन कारखाना को प्रथम और आरडीएसओ लखनऊ को द्वितीय पुरस्कार प्रदान किया गया। मंडल श्रेणी में रतलाम मंडल को ‘आचार्य महावीर प्रसाद रनिंग शील्ड’ दिया गया। रेल स्प्रिंग कारखाना, उत्तर मध्य रेल को आदर्श स्टेशन/कारखाना श्रेणी में ‘रेल मंत्री राजभाषा शील्ड’ दिया गया। ‘ग’ क्षेत्र में दक्षिण मध्य रेल को प्रथम और दक्षिण पश्चिम रेलवे को द्वितीय पुरस्कार प्रदान किया गया, जबकि आदर्श उत्पादन इकाइयों में रेल पहिया कारखाना बेंगलुरु और चितरंजन रेल इंजन कारखाना को पुरस्कृत किया गया।

आदर्श मॉडल का ‘आचार्य रघुवीर रनिंग शील्ड’ विजयवाड़ा मंडल को दिया गया, जबकि माल डिब्बा कारखाना गुंटुपल्ली को ‘रेल मंत्री राजभाषा शील्ड’ दिया गया। आदर्श उपक्रम का ‘रेल मंत्री राजभाषा रनिंग ट्राफी’ रेलटेल दिल्ली को तथा आदर्श केंद्रीय प्रशिक्षण संस्थान का ‘रेल मंत्री राजभाषा रनिंग ट्राफी’ भारतीय रेल राष्ट्रीय अकादमी वड़ोदरा को दिया गया। व्यक्तिगत श्रेणी में पश्चिम मध्य रेल के महाप्रबंधक सुधीर कुमार गुप्ता को ‘कमलापति त्रिपाठी राजभाषा स्वर्ण पदक’ दिया गया। साथ ही, अमित कुमार अग्रवाल (पूर्व मध्य रेल), कल्याण पटनायक (पूर्व तट रेल), रविलेश कुमार (पूर्वोत्तर सीमा रेलवे), संजीव तिवारी (पश्चिम मध्य रेल), अभय कुमार गुप्ता (दक्षिण मध्य रेल), डॉक्टर प्रणय प्रभाकर (उत्तर पश्चिम रेल), मुदित चंद्र (उत्तर मध्य रेल), संतोष कुमार वर्मा (दक्षिण पश्चिम रेलवे), पी श्रीनिवास (दक्षिण रेलवे), अशफाक अहमद (पश्चिम रेलवे), संजय यादव (पूर्वोत्तर रेलवे), रेनू शर्मा (मध्य रेल), राजेश कुमार (पूर्वोत्तर सीमा रेलवे), अशोक कुमार सूर्यवंशी (दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे), बलबीर सिंह (उत्तर रेलवे) और सौमित्र मजूमदार (पूर्व रेलवे) को रेल मंत्री राजभाषा रजत पदक प्रदान किया गया।

इस श्रेणी में उत्पादन इकाइयों और प्रशिक्षण संस्थानों के विभिन्न अधिकारियों को भी सम्मानित किया गया जिनमें बनारस रेल इंजन कारखाना के प्रमोद कुमार चौधरी, अनुसंधान अभिकल्प एवं मानक संगठन लखनऊ के शरद कुमार जैन, केंद्रीय रेल विद्युतीकरण संगठन के संजय कुमार सिंह नेगी, रेल पहिया कारखाना बेंगलुरु के राजेश पी खाड़े, सवारी डिब्बा कारखाने के शुभांशु शेखर मिश्रा, इरीसेन पुणे के आर.एन. गुप्ता, इरीन नासिक रोड के पीयूष गुप्ता, भारतीय रेल राष्ट्रीय अकादमी के प्रमोद गुप्ता, चितरंजन रेल कारखाना के वीरेंद्र कुमार, रेल डिब्बा कारखाना कपूरथला के अखिलेश मिश्रा, रेलटेल के संजय कुमार, कोंकण रेलवे के सत्येंद्र कुमार शुक्ला, आईआरसीटीसी के राजेश कुमार और रेलवे बोर्ड के मनोज कुमार राम के नाम शामिल रहे।

इस अवसर पर ‘रेल मंत्री हिंदी निबंध प्रतियोगिता’ के विजेताओं को भी सम्मानित किया गया। इसमें राजपत्रित संवर्ग में रेलवे बोर्ड के संघप्रिय गौतम को प्रथम पुरस्कार और पश्चिम मध्य रेल के संजीव तिवारी को द्वितीय पुरस्कार मिला तथा अराजपत्रित संवर्ग में पूर्वोत्तर सीमा रेल के राकेश रमन को प्रथम पुरस्कार और पूर्व तट रेल के आशीष कुमार शाह को द्वितीय पुरस्कार दिया गया।

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