उत्तर प्रदेश में सोशल मीडिया पर साइबर क्राइम का बढ़ता साया: फर्जी पत्रकारों और भ्रामक पोस्टों का मकड़जाल

उत्तर प्रदेश में सोशल मीडिया पर साइबर क्राइम का बढ़ता साया: फर्जी पत्रकारों और भ्रामक पोस्टों का मकड़जाल

उत्तर प्रदेश में फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर सहित अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म अब सूचना का माध्यम कम, साइबर क्राइम और फर्जी खबरों का अड्डा ज्यादा बनते जा रहे हैं। फर्जी, भ्रामक और अश्लील पोस्टों की बाढ़ ने आम जनता को भ्रमित करने का काम तेज कर दिया है।

खासकर, फर्जी पत्रकारों का एक नया जाल तैयार हो गया है, जो बिना किसी प्रमाण के मनगढ़ंत खबरें फैलाकर जनता को गुमराह कर रहे हैं। इन भ्रामक खबरों से न सिर्फ समाज में तनाव फैल रहा है, बल्कि असली पत्रकारिता पर भी सवाल उठने लगे हैं।

साइबर सेल की नजर, लेकिन अपराधी चतुर
राज्य की साइबर क्राइम सेल लगातार ऐसे मामलों पर नजर रख रही है, लेकिन अपराधी आए दिन नए तरीके अपनाकर बच निकलते हैं। फर्जी प्रोफाइल और नकली न्यूज पोर्टल बनाकर ये लोग न सिर्फ लोगों को गुमराह कर रहे हैं, बल्कि व्यक्तिगत और सामाजिक प्रतिष्ठा को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं।

आम जनता को जागरूक रहने की जरूरत
साइबर विशेषज्ञों का कहना है कि सोशल मीडिया का उपयोग करते समय सतर्क रहना बेहद जरूरी है। किसी भी खबर पर विश्वास करने से पहले उसकी सच्चाई की जांच करनी चाहिए।

सरकार और प्रशासन ने भी लोगों से अपील की है कि वे भ्रामक और फर्जी पोस्टों को साझा करने से बचें और ऐसे मामलों की तुरंत रिपोर्ट करें।

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