अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर हंस फाउंडेशन का भव्य आयोजन, प्रमुख हस्तियों ने की शिरकत
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर हंस फाउंडेशन का भव्य आयोजन, प्रमुख हस्तियों ने की शिरकत
प्रवीण कुमार
महोबा, 12 मार्च 2025 – अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में द हंस फाउंडेशन द्वारा एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह आयोजन महोबा के अंबे पैलेस में संपन्न हुआ, जिसमें महिलाओं के अधिकारों, सुरक्षा और सशक्तिकरण पर विशेष ध्यान दिया गया। इस अवसर पर क्षेत्र की कई प्रमुख हस्तियों की उपस्थिति ने कार्यक्रम की गरिमा को और बढ़ाया।
दीप प्रज्वलन से हुई कार्यक्रम की शुरुआत
कार्यक्रम की शुरुआत परंपरागत दीप प्रज्वलन से हुई, जिसके बाद अतिथियों का शॉल एवं पुष्पगुच्छ भेंट कर सम्मान किया गया। मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. क्रांति राजपूत (चिकित्सा अधिकारी, महिला अस्पताल) और सुषमा चौधरी (थानाध्यक्ष, महिला थाना) उपस्थित रहीं। दोनों ने महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण से संबंधित विषयों पर अपने विचार साझा किए और सरकार द्वारा महिलाओं के कल्याण हेतु किए जा रहे प्रयासों पर प्रकाश डाला।
महिला सशक्तिकरण के लिए जागरूकता और प्रेरणा
इस अवसर पर विभिन्न सामाजिक संस्थाओं से जुड़े विशिष्ट अतिथियों ने भी महिलाओं को उनके अधिकारों और सुरक्षा उपायों के प्रति जागरूक किया। कार्यक्रम में मधुबाला चौरसिया (बाल कल्याण समिति सदस्य), परवीन (काउंसलर, आशा ग्रामुत्थान संस्थान), छमा (सेंटर मैनेजर, वन स्टॉप सेंटर) और अर्चना (केस वर्कर, वन स्टॉप सेंटर) जैसे गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।
महिला सुरक्षा फाउंडेशन एवं चैरिटेबल ट्रस्ट की महोबा जिलाध्यक्ष, एडवोकेट परवीन ने भारतीय संविधान में महिलाओं को मिले कानूनी अधिकारों पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि आज भी कई महिलाएं अपने अधिकारों से अनभिज्ञ हैं, जबकि उन्हें अपने हक और कानून की पूरी जानकारी होनी चाहिए।
“महिला दिवस – नारी शक्ति का उत्सव”
कार्यक्रम में महिलाओं को स्वास्थ्य, सुरक्षा, आत्मनिर्भरता और विकास से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियाँ दी गईं। वक्ताओं ने नारी सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए महिलाओं से समाज में अपनी भूमिका को और सशक्त बनाने का आह्वान किया।
इस अवसर पर एडवोकेट परवीन ने कहा,
“अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस केवल उत्सव मनाने का अवसर नहीं है, बल्कि यह महिलाओं के संघर्षों, उनकी उपलब्धियों और उनके योगदान को सम्मान देने का दिन है। यह हमें याद दिलाता है कि महिलाओं ने समाज को संवारने में कितनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और हमें उनके सपनों को साकार करने के लिए हमेशा उनका समर्थन करना चाहिए।”
उन्होंने आगे कहा कि स्वतंत्रता के बाद से ही भारत में महिलाओं के अधिकारों की दिशा में निरंतर सुधार किए जा रहे हैं। आज की भारतीय महिला आत्मनिर्भर और सशक्त बन रही है, और यही कारण है कि अब यह कहा जाने लगा है कि “भारतीय महिलाओं की सीमाएं आकाश की तरह अनंत हो गई हैं।”
महिला अधिकारों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम
इस आयोजन ने महोबा की महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने और आत्मनिर्भर बनने की प्रेरणा दी। द हंस फाउंडेशन द्वारा किया गया यह प्रयास नारी सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल साबित हुआ।
कार्यक्रम का समापन सभी उपस्थित महिलाओं के सम्मान और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना के साथ हुआ।