भारत ने लैंगिक डिजिटल विभाजन को दूर करने, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल और वित्तीय साक्षरता को बढ़ावा देने तथा लाखों महिला उद्यमियों को सशक्त बनाने की दिशा में व्‍यापक स्‍तर पर कार्यक्रमों का शुभारंभ किया है

भारत ने लैंगिक डिजिटल विभाजन को दूर करने, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल और वित्तीय साक्षरता को बढ़ावा देने तथा लाखों महिला उद्यमियों को सशक्त बनाने की दिशा में व्‍यापक स्‍तर पर कार्यक्रमों का शुभारंभ किया है

भारत ने 10 से 14 फरवरी, 2025 तक अमेरिका के न्‍यूयॉर्क में आयोजित किए जा रहे सामाजिक विकास आयोग (सीएसओसीडी) के 63वें सत्र में सहभागिता की। इस कार्यक्रम में महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री श्रीमती सावित्री ठाकुर ने इस भागीदारी का नेतृत्व किया। इस सत्र का उद्देश्य समावेशी सामाजिक नीतियों को आगे बढ़ाने और वैश्विक सामाजिक कल्याण को बढ़ावा देने पर जोर देते हुए सामाजिक विकास चुनौतियों पर चर्चा और सहयोग को प्रोत्साहित करना है। इस सत्र में फ्रांस, तुर्की, सऊदी अरब, स्वीडन आदि जैसे 16 देशों के मंत्रियों सहित 49 देशों ने भाग लिया।

भारत ने सत्र के दौरान हुई प्रमुख चर्चाओं में सक्रिय भागीदारी की प्राथमिकता पर बल दिया। 11 फरवरी, 2025 को श्रीमती सावित्री ठाकुर ने मंत्रिस्तरीय मंच पर भारत का वक्तव्य देते हुए प्राथमिकता वाले विषय एकजुटता और सामाजिक सामंजस्य को मजबूत बनाने’ पर अपने विचार व्‍यक्‍त किए।

भारत ने एकजुटता और सामाजिक सामंजस्य को मजबूत बनाने के महत्व पर चर्चा करने में आयोग के नेतृत्व के साथ यह सुनिश्चित करने पर जोर दिया कि इस मामले में कोई भी पीछे न छूटे। 1995 के कोपेनहेगन सामाजिक विकास शिखर सम्मेलन के बाद से, भारत ने गरीबी, कुपोषण और सार्वभौमिक स्वास्थ्य सेवा से जुड़े समाधानों के मामले में महत्वपूर्ण प्रगति की है, साथ ही सतत विकास के लिए डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे में भी अग्रणी भूमिका निभाई है। वैश्विक सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों के साथ सामंजस्‍य बिठाकर और स्वदेशी समाधान विकसित करते हुए भारत ग्‍लोबल साउथ के लिए एक मॉडल बन चुका है।

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