किसान के हाथों में राजनीतिक ताकत और आर्थिक योग्यता है; उसे किसी की मदद का मोहताज नहीं होना चाहिए- उपराष्ट्रपति
किसान के हाथों में राजनीतिक ताकत और आर्थिक योग्यता है; उसे किसी की मदद का मोहताज नहीं होना चाहिए- उपराष्ट्रपति
विकसित भारत की महायात्रा में किसान की भूमिका को कोई कुंठित नहीं कर सकता; आज की शासन व्यवस्था किसान के प्रति नतमस्तक – उपराष्ट्रपति
जिन्हें आरक्षण का लाभ मिला वे समाज के प्रयास और सहयोग को न भूलें – उपराष्ट्रपति
किसान कृषि विज्ञान केंद्रों का लाभ ले , कृषि उत्पादों के व्यापार से जुड़े- उपराष्ट्रपति
उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने आज कहा की किसान दाता है और उसे किसी की मदद का मोहताज नहीं होना चाहिए। चित्तौरगढ़ में अखिल मेवाड़ क्षेत्र जाट महासभा को सम्बोधित करते हुए उपरष्ट्रपति जी ने कहा, “किसान की आर्थिक व्यवस्था में जब उत्थान आता है तो देश की व्यवस्था में उद्धार आता है। बाकी किसान दाता है, किसान को किसी की ओर नहीं देखना चाहिए, किसी की मदद का मोहताज किसान नहीं होना चाहिए, क्योंकि किसान के सबल हाथों में राजनीतिक ताकत है, आर्थिक योग्यता है।