बांध के अंतर्गत बाज़ार सुविधा का प्रावधान
बांध के अंतर्गत बाज़ार सुविधा का प्रावधान
सरकार ने 2 सितंबर 2024 को 2817 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ डिजिटल कृषि मिशन को मंजूरी दी है। इस मिशन का उद्देश्य देश में एक मजबूत डिजिटल कृषि इकोसिस्टम बनाना है। जिससे किसान-केंद्रित डिजिटल समाधानों को आगे बढ़ाया जा सके और देश के सभी किसानों को समय पर और विश्वसनीय फसल संबंधी जानकारी उपलब्ध कराई जा सके। इस मिशन में कृषि के लिए डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना जैसे एग्रीस्टैक, कृषि निर्णय सहायता प्रणाली, व्यापक मृदा उर्वरता और प्रोफाइल मानचित्र और केंद्र सरकार/राज्य सरकारों द्वारा की जाने वाली अन्य आईटी पहलों का निर्माण शामिल है। एग्रीस्टैक परियोजना इस मिशन के प्रमुख घटकों में से एक है, जिसमें कृषि क्षेत्र में तीन मूलभूत रजिस्ट्री या डेटाबेस शामिल हैं, यानी किसानों की रजिस्ट्री, भू-संदर्भित गाँव के नक्शे और बोई गई फसल रजिस्ट्री, जो सभी राज्य सरकारों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा बनाई और रखी जाती हैं।
सरकार इस मिशन के क्रियान्वयन के लिए सभी राज्यों को प्रशासनिक और तकनीकी सहायता प्रदान कर रही है। एग्रीस्टैक किसानों के जनसांख्यिकीय विवरण, भूमि जोत और बोई गई फसलों पर व्यापक और उपयोगी डेटा प्रदान करता है, जिससे किसानों को क्रेडिट, बीमा, खरीद आदि जैसे लाभों और सेवाओं तक पहुँचने के लिए डिजिटल रूप से पहचान और प्रमाणीकरण करने में मदद मिलती है। यह राज्य को ऐसे समाधान तैयार करने में भी सक्षम बनाता है जो किसानों के लिए डिजिटल अर्थव्यवस्था तक पहुँच बनाते हैं जैसे कि एक भरोसेमंद तरीके से इनपुट और उपज की ऑनलाइन खरीद और बिक्री।
इसके अलावा सरकार राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नाम) को लागू कर रही है, यह एक वर्चुअल प्लेटफॉर्म है जो विभिन्न राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) की थोक मंडियों/बाजारों को एकीकृत करता है, ताकि पारदर्शी मूल्य खोज पद्धति के माध्यम से कृषि वस्तुओं का ऑनलाइन व्यापार हो सके। जिससे किसानों को उनकी उपज के लिए बेहतर लाभकारी मूल्य मिल सके। 31 दिसंबर 2024 तक 23 राज्यों और 04 केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) की 1410 मंडियों को ई-नाम प्लेटफॉर्म के साथ एकीकृत किया जा चुका है।
यह जानकारी कृषि और किसान कल्याण राज्य मंत्री श्री रामनाथ ठाकुर ने राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में दी।