कृषि केंद्र एवं विकास संस्थान

कृषि केंद्र एवं विकास संस्थान

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने पश्चिम बंगाल में 4 अनुसंधान संस्थान और 10 क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र स्थापित किए हैं। ये संस्थान देश के अन्य भागों के अलावा पश्चिम बंगाल की कृषि प्रौद्योगिकी आवश्यकताओं को पूरा कर रहे हैं। इसके अलावा, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा विकसित प्रौद्योगिकियों के प्रशिक्षण और प्रदर्शन के लिए जिला स्तर पर पश्चिम बंगाल में 23 कृषि विज्ञान केंद्र  भी स्थापित किए गए हैं।

पश्चिम बंगाल राज्य में स्थित अनुसंधान संस्थानों और क्षेत्रीय अनुसंधान स्टेशनों की सूची अनुलग्नक-में संलग्न है।

पश्चिम बंगाल में स्थित कृषि अनुसंधान संस्थानों/केंद्रों ने विभिन्न फसलों, दलहन, तिलहन, रेशों, बागवानी फसलों, जलवायु अनुकूल किस्मों, मुर्गीपालन और मत्स्यपालन क्षेत्रों, एर्गोनॉमिक रूप से बेहतर उपकरणों और उपकरणों तथा महिलाओं के अनुकूल उपकरणों और मशीनरी के विकास, किसानों और हितधारकों के लिए प्रदर्शन, प्रशिक्षण और कौशल विकास कार्यक्रमों आदि के विकास के लिए अनुसंधान कार्य किए हैं। पिछले तीन वर्षों (2021-2023) और वर्ष 2024 के दौरान पश्चिम बंगाल के लिए कुल 132 फसलों की किस्मों का विकास और उसे जारी किया गया। इनमें अनाज की 69 किस्में, तिलहन की 16 किस्में, दलहन की 22 किस्में, रेशों की 11 किस्में, चारा की 8 किस्में और गन्ने की 6 किस्में शामिल हैं।

कृषि विकास केंद्र सरकार, राज्य सरकारों की विभिन्न नीतियों और योजनाओं तथा कृषि अनुसंधान संस्थानों द्वारा किए गए अनुसंधान पर निर्भर करता है। पश्चिम बंगाल में पिछले तीन वर्षों में कृषि अनुसंधान और विकास संस्थानों ने सरकारी नीतियों और सहायता के साथ मिलकर कृषि विकास में उल्लेखनीय प्रगति की है।

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कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री श्री भागीरथ चौधरी ने यह जानकारी आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।

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