भारत को वैश्विक शासन मॉडल के रूप में आगे बढ़ाने के लिए केंद्र-राज्य सहयोग की वकालत की गई

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, ‘गुजरात शासन मॉडल’ की कई बेहतरीन बातें हैं जिन्हें अन्यत्र भी अपनाया जाना चाहिए


मोदी के ‘अधिकतम शासन, न्यूनतम सरकार’ मंत्र पर प्रकाश डाला गया

भारत को वैश्विक शासन मॉडल के रूप में आगे बढ़ाने के लिए केंद्र-राज्य सहयोग की वकालत की गई

केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने राजधानी गांधीनगर में सुशासन पर राष्ट्रीय सम्मेलन में बोलते हुए कहा कि “गुजरात शासन मॉडल” कई सर्वोत्तम प्रथाएं पेश करता है जिन्हें अन्यत्र भी सफलतापूर्वक अपनाया जा सकता है।

मंत्री महोदय ने याद दिलाया कि केन्द्रीय स्तर पर सफलतापूर्वक क्रियान्वित किए गए अनेक शासन नवाचारों को मुख्यमंत्री के रूप में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सर्वप्रथम गुजरात लागू किया गया था।

नीति निर्माताओं, वरिष्ठ नौकरशाहों और शासन विशेषज्ञों के अखिल भारतीय समूह को संबोधित करते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने पिछले दशक में शासन में आए बदलाव की प्रशंसा की। उन्होंने कहा, “यह बदलाव रातों-रात नहीं हुआ। राष्ट्रीय स्तर पर शुरू किए गए कई सुधारों का सबसे पहले परीक्षण और परख गुजरात में किया गया और आज उन्हें पूरे देश में दोहराया जा रहा है।”

डॉ. जितेंद्र सिंह ने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में शासन संस्कृति में आए मूलभूत बदलाव जिसने नीति निर्माण को दिल्ली के पारंपरिक प्रशासनिक गढ़ों से आगे बढ़ाकर देश के विभिन्न क्षेत्रों में पहुँचा दिया है, को रेखांकित किया। उन्होंने प्रधानमंत्री के इस निर्देश का हवाला दिया कि शासन को विकेंद्रीकृत किया जाए, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि प्रमुख नीतिगत चर्चाएँ, सम्मेलन और आउटरीच कार्यक्रम देश के विभिन्न भागों में आयोजित किए जाएँ, न कि केवल नई दिल्ली में। उन्होंने कहा, “शासन संवादों को दिल्ली से आगे ले जाकर, हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि सुधार अधिक समावेशी हों और देश के सभी कोनों के लोगों की आकांक्षाओं को प्रतिबिंबित करें।”

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