उपकारागार महोबा में विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन
उपकारागार महोबा में विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन
महोबा, 29 जनवरी 2025 – उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के निर्देशानुसार एवं माननीय जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, महोबा श्री जेरापीत यादव के आदेशानुसार आज उपकारागार, महोबा में विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, महोबा के तत्वावधान में आयोजित किया गया, जिसमें निशुल्क अधिवक्ता सहायता, लैंगिक समानता, महिला सुरक्षा एवं कल्याण, महिला सशक्तिकरण तथा जेल बंदियों से संबंधित कानूनों पर चर्चा की गई।
शिविर की अध्यक्षता अपर जिला जज/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, महोबा श्री तेन्द्र पाल ने की। इस अवसर पर लीगल एड डिफेंस काउंसिल सिस्टम, महोबा के चीफ श्री रामौतार सिंह, डिप्टी श्री रामनरेश यादव, असिस्टेंट श्री हरेन्द्र मिश्रा व योगेन्द्र सिंह, श्रीमती कल्पना सोनी (सदस्य, किशोर न्याय बोर्ड महोबा), जेलर श्री शिवमूरत सिंह, डिप्टी जेलर सहित अन्य कर्मचारीगण उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन पराविधिक स्वयंसेवक श्री विश्वनाथ त्रिपाठी ने किया।
बंदियों के लिए विधिक सहायता और अधिकारों की जानकारी
शिविर के दौरान अपर जिला जज/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने जेल के चिकित्सालय, पाकशाला, एवं लीगल एड क्लीनिक का निरीक्षण किया तथा बंदियों से उनकी समस्याओं एवं स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली। किसी भी बंदी ने कोई विशेष समस्या नहीं बताई, हालांकि समक्ष आई कुछ कमियों को सुधारने हेतु जेल प्रशासन को आवश्यक निर्देश दिए गए।
बंदियों को विधिक अधिकारों से अवगत कराते हुए अपर जिला जज/सचिव ने बताया कि यदि किसी बंदी को कानूनी सहायता की आवश्यकता हो, तो वह जेल प्रशासन के माध्यम से जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में आवेदन कर सकता है। इसके अलावा, जिन बंदियों की जमानत हो चुकी है लेकिन वे ज़मानतदार प्रस्तुत नहीं कर पा रहे हैं, वे भी जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में आवेदन कर सकते हैं।
महिला सशक्तिकरण एवं लैंगिक समानता पर जोर
महिलाओं और बेटियों के खिलाफ हिंसा रोकने एवं लैंगिक समानता के महत्व पर चर्चा करते हुए बताया गया कि यह समाज में सुरक्षा, स्वास्थ्य और आर्थिक समृद्धि को बढ़ावा देता है। कार्यक्रम के दौरान यह भी बताया गया कि राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली द्वारा संचालित टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर 15100 के माध्यम से कोई भी व्यक्ति विधिक सहायता प्राप्त कर सकता है। इसके अलावा, एलएसएमएस पोर्टल के जरिए भी अपनी समस्याओं का समाधान पाया जा सकता है।
किशोर बंदियों के अधिकारों पर विशेष चर्चा
कार्यक्रम में किशोर बंदियों से जुड़े कानूनी प्रावधानों पर भी जानकारी दी गई। किशोर न्याय बोर्ड की सदस्य श्रीमती कल्पना सोनी ने बताया कि यदि किसी बंदी की उम्र घटना के समय 18 वर्ष से कम थी, तो वह अपने आयु संबंधी दस्तावेज पुलिस अथवा चिकित्सीय परीक्षण के दौरान प्रस्तुत कर सकता है। इसके अलावा, वह न्यायालय में भी आवेदन देकर अपनी उम्र के सत्यापन हेतु अनुरोध कर सकता है।
राष्ट्रीय लोक अदालत की जानकारी
अपर जिला जज/सचिव ने बताया कि 08 मार्च 2025 को जनपद महोबा में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा, जिसमें विभिन्न प्रकार के मामलों का समाधान किया जाएगा।
बंदियों को विधिक सहायता का आश्वासन
कार्यक्रम में न्याय रक्षक ने बंदियों को धैर्य बनाए रखने और अपने मामलों की पूरी जानकारी अपने अधिवक्ता से प्राप्त करने की सलाह दी। उन्होंने यह भी बताया कि अब नए कानूनों के तहत झूठे परिवादों पर रोक लगाने के लिए अभियुक्त को सुनवाई का अवसर प्रदान किया जाएगा।
अंत में, जेलर श्री शिवमूरत सिंह ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण का आभार व्यक्त किया और कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रमों से बंदियों को अपनी समस्याएं व्यक्त करने का अवसर मिलता है और उन्हें आवश्यक विधिक सहायता प्राप्त होती है। कार्यक्रम में उपस्थित बंदियों ने दी गई महत्वपूर्ण जानकारियों की सराहना की।