हमीरपुर: ग्राम पंचायत खेड़ा शिलाजीत में मनरेगा के तहत जेसीबी मशीनों से हो रहा कार्य, मजदूरों को रोजगार से वंचित किया जा रहा

हमीरपुर: ग्राम पंचायत खेड़ा शिलाजीत में मनरेगा के तहत जेसीबी मशीनों से हो रहा कार्य, मजदूरों को रोजगार से वंचित किया जा रहा

जयनारायण  वर्मा

हमीरपुर जिले के सरीला विकास खंड के अंतर्गत ग्राम पंचायत खेड़ा शिलाजीत में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत चल रहे कार्य में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं सामने आई हैं। यहां रात-दिन जेसीबी मशीनों से काम कराया जा रहा है, जबकि यह कार्य मजदूरों द्वारा किया जाना चाहिए।

मजदूरों को रोजगार से वंचित करने की साजिश

गांव में चल रहे मनरेगा कार्यों में मजदूरों को काम देने के बजाय जेसीबी मशीनों का इस्तेमाल किया जा रहा है। स्थानीय लोगों के अनुसार, विभागीय अधिकारी इस पूरी गतिविधि से अनभिज्ञ बने हुए हैं, या फिर उन्होंने जानबूझकर आंखें मूंद रखी हैं। मजदूरों को काम न मिलने के कारण वे बेरोजगारी की मार झेल रहे हैं।

रातों-रात हो रहा कार्य

ग्रामवासियों के अनुसार, जेसीबी मशीनों से रातभर तेजी से कार्य कराया जा रहा है, ताकि किसी को इसकी भनक न लगे। अधिकारियों की लापरवाही और मिलीभगत के चलते यह अनियमितता बेरोकटोक जारी है।

भुगतान निकालने की साजिश

गांव वालों का आरोप है कि मशीनों से कार्य कराकर मजदूरों के नाम पर फर्जी भुगतान निकालने की योजना बनाई जा रही है। मनरेगा का उद्देश्य ग्रामीण मजदूरों को रोजगार मुहैया कराना है, लेकिन यहां इस योजना का दुरुपयोग किया जा रहा है।

ग्रामवासियों की अपील

स्थानीय लोगों ने जिला प्रशासन और उच्च अधिकारियों से इस मामले की जांच कराने और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि यदि समय रहते यह भ्रष्टाचार नहीं रुका तो मनरेगा का उद्देश्य पूरी तरह विफल हो जाएगा।

निष्कर्ष

ग्राम पंचायत खेड़ा शिलाजीत में चल रही इस अनियमितता ने शासन-प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। मनरेगा जैसी रोजगार गारंटी योजना के साथ इस तरह का खिलवाड़ न केवल गरीब मजदूरों के हक को छीन रहा है, बल्कि भ्रष्टाचार को भी बढ़ावा दे रहा है।

 

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