चोरों का आतंक: स्यावरी गांव में चार घरों में लाखों की चोरी, ग्रामीणों में दहशत

चोरों का आतंक: स्यावरी गांव में चार घरों में लाखों की चोरी, ग्रामीणों में दहशत

राठ (हमीरपुर):
उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले के राठ कोतवाली क्षेत्र के स्यावरी गांव में चोरों ने आतंक मचाते हुए चार घरों को निशाना बनाया। चोर सोने-चांदी के जेवरात और लाखों की नगदी लेकर फरार हो गए। इस घटना से ग्रामीणों में भारी आक्रोश और दहशत का माहौल है। पुलिस ने घटना की जांच शुरू कर दी है, लेकिन अब तक चोरों का कोई सुराग नहीं लगा है।

चोरी की घटनाएं:
स्यावरी गांव में चोरी की पहली घटना प्रमोद कुमार पुत्र मुरलीधर के घर पर हुई। गुरुवार को प्रमोद अपने रिश्तेदार की शादी में राठ कस्बे गया हुआ था, और उसकी पत्नी सरीला में एक अन्य शादी में गई थीं। घर पर कोई नहीं था, और चोरों ने ताला तोड़कर घर के अंदर प्रवेश किया। चोर अलमारी में रखे सोने के गहने, चांदी के आभूषण और एक लाख रुपये नकद लेकर फरार हो गए।

प्रमोद कुमार ने बताया कि यह रकम उसने हाल ही में अपनी धान की फसल बेचकर जमा की थी। शुक्रवार सुबह चोरी की जानकारी होने पर उन्होंने कोतवाली में शिकायत दर्ज कराई।

दूसरी घटना गोविंददास पुत्र दिल्लीपत के घर पर हुई। चोर वहां से दो हाफपेटी, सोने के टाक्स, तीन जोड़ी पायल, बिंदिया, छह जोड़ी मीना और 20,000 रुपये नकद लेकर फरार हो गए। गोविंददास ने भी कोतवाली में शिकायत दी है।

इसके अलावा, चोरों ने अमरजू पासवान और फूलवती पत्नी रामनाथ के घर को भी निशाना बनाया। दोनों परिवार मजदूरी के लिए बाहर रहते हैं, जिससे चोरी हुए सामान का सही आकलन नहीं हो सका है।

ग्रामीणों में दहशत और आक्रोश:
इस घटना के बाद ग्रामीणों में भारी आक्रोश है। उनका कहना है कि क्षेत्र में चोरी की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं, और पुलिस अपराध रोकने में पूरी तरह नाकाम साबित हो रही है। ग्रामीणों ने पुलिस और प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है।

पुलिस और सरकार की नाकामी:
पुलिस प्रशासन चोरी की घटनाओं को रोकने और अपराधियों को पकड़ने में विफल रहा है। राठ कोतवाली के प्रभारी इंस्पेक्टर रामआसरे सरोज ने बताया कि जांच के लिए दरोगा को भेजा गया है और जल्द ही मामले का खुलासा किया जाएगा। हालांकि, ग्रामीणों का विश्वास पुलिस की कार्यप्रणाली से उठ चुका है।

उत्तर प्रदेश सरकार और पुलिस प्रशासन अपराध रोकने में नाकाम साबित हो रहे हैं। प्रदेश में अपराधियों के हौसले बुलंद हैं, और कानून व्यवस्था चरमराई हुई है। बेरोजगारी और आर्थिक तंगी के कारण लोग चोरी जैसी घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं।

निष्कर्ष:
स्यावरी गांव की यह घटना सरकार और पुलिस के लिए बड़ा सवाल खड़ा करती है। अगर जल्द ही इन घटनाओं पर अंकुश नहीं लगाया गया, तो ग्रामीणों का आक्रोश और बढ़ सकता है। सरकार को चाहिए कि वह बेरोजगारी और गरीबी के मुद्दों को सुलझाने के साथ-साथ अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे।

 

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