बिना बैंडबाजे, बिना फेरे और बिना बराती के मात्र 17 मिनट में हुई दहेज रहित अनोखी शादी, बनी चर्चा का विषय
बिना बैंडबाजे, बिना फेरे और बिना बराती के मात्र 17 मिनट में हुई दहेज रहित अनोखी शादी, बनी चर्चा का विषय
हमीरपुर, उत्तर प्रदेश: आज हमीरपुर जिले के राठ कस्बे में एक अनोखी और सादगी से भरी शादी ने सबका ध्यान आकर्षित किया। यह शादी बिना बैंडबाजे, बिना फेरे और बिना जयमाल कार्यक्रम के केवल 17 मिनट में सम्पन्न हुई। इस शादी में ना तो कोई सजावट थी और ना ही कोई धूमधाम, फिर भी यह एक यादगार और अनुकरणीय घटना बन गई है।
शादी का यह अनोखा समारोह संत रामपाल के अनुयायी किशना की पुत्री पूनम दासी और संजय दास के बीच हुआ, जो बाँदा जिले के नरैनी के निवासी हैं। यह विवाह रमैनी परंपरा के अनुसार बिना दहेज के हुआ, जो समाज में दहेज प्रथा के खिलाफ एक मजबूत संदेश देता है। शादी का आयोजन राठ कस्बे के सत्कार वाटिका में संत रामपाल के सत्संग के दौरान हुआ।
इस शादी में न कोई बैंडबाजा था और न ही कोई फेरे किए गए। केवल 17 मिनट में शादी संपन्न कर दी गई, और इसके बाद दुल्हन की विदाई की रस्म पूरी की गई। इस दौरान मंडल सेवादार धीरेंद्र दास, गोकर्ण दास, मनोज दास, संतोष दास और सुशील दास समेत अन्य अनुयायी भी मौजूद थे।
यह शादी समाज में एक नई सोच और बदलाव की प्रतीक बनी है। दहेज की प्रथा और भव्यता के बिना हुई इस शादी ने यह साबित कर दिया कि सच्चा प्रेम और समझदारी ही असली शादी का आधार होते हैं।
इस अनोखी शादी ने सभी को एक सशक्त संदेश दिया है कि समाज में बदलाव लाना संभव है, यदि हम अपनी पुरानी परंपराओं को छोड़कर सादगी और ईमानदारी से जीवन जीने की ओर कदम बढ़ाएं।