अबैध शस्त्र के साथ अपराधियों की गिरफ्तारी का सिलसिला जारी-क्षेत्र में अबैध शस्त्र कारखाने संचालित होने की आशंका

अबैध शस्त्र के साथ अपराधियों की गिरफ्तारी का सिलसिला जारी-क्षेत्र में अबैध शस्त्र कारखाने संचालित होने की आशंका

रिपोर्ट-लक्ष्मी कांत सोनी
राठ/हमीरपुर जिले में अबैध शस्त्रों का कारोबार और अपराधियों की गिरफ्तारी लगातार चिंताजनक संकेत दे रही है। थाना राठ पुलिस द्वारा आज अनमोल पठान नामक एक अभियुक्त को 315 बोर का तमंचा और जिंदा कारतूस के साथ गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने इस मामले में अभियुक्त के खिलाफ धारा 10 उत्तर प्रदेश गुण्डा एक्ट और 3/25 आयुध अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है।

आपराधिक घटनाओं में अबैध शस्त्रों की बढ़ती भूमिका

जिले में लगातार बढ़ रही आपराधिक घटनाओं में अबैध शस्त्रों की भूमिका बेहद अहम होती जा रही है। हर गिरफ्तारी यह साबित करती है कि क्षेत्र में अबैध शस्त्रों के कारखाने सक्रिय रूप से संचालित हो रहे हैं। लेकिन पुलिस इन कारखानों को बंद कराने और उनके स्रोत का पता लगाने में पूरी तरह विफल साबित हो रही है।

पुलिस की लापरवाही और दिखावटी कार्रवाई

हालांकि, पुलिस ने अनमोल पठान को गिरफ्तार कर अपनी पीठ थपथपाई है, लेकिन यह मामला पुलिस की निष्क्रियता और लापरवाही की ओर भी इशारा करता है। क्यों पुलिस अबैध शस्त्रों के स्रोत का पता लगाने से परहेज कर रही है? क्या यह संभव है कि पुलिस को इन कारखानों के बारे में जानकारी न हो?

प्रशासन की जिम्मेदारी पर सवाल

ऐसे मामले यह दिखाते हैं कि पुलिस का पूरा ध्यान केवल छोटे अपराधियों को पकड़ने पर है, जबकि असली समस्या जड़ में छिपी है। अबैध शस्त्र बनाने वाले कारखानों और उनकी आपूर्ति श्रृंखला को खत्म किए बिना इन घटनाओं पर रोक लगाना असंभव है।

जनता में बढ़ता असंतोष

जिले के लोग पुलिस की इस लापरवाही से नाराज हैं। उनका मानना है कि पुलिस को केवल “गिरफ्तारी अभियान” चलाने से ऊपर उठकर इन घटनाओं के पीछे की असली वजहों पर काम करना चाहिए।

हमीरपुर पुलिस और प्रशासन को चाहिए कि वे अबैध शस्त्रों के कारखानों का पता लगाएं और उन्हें जड़ से खत्म करें। वरना अपराधियों के हौसले बुलंद होते रहेंगे और कानून-व्यवस्था की स्थिति और खराब होगी।

 

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