पनवाड़ी क्षेत्र में हरे पेड़ों की कटान पर नहीं लग रही लगाम वन विभाग और ठेकेदारों की मिलीभगत से पर्यावरण को खतरा
पनवाड़ी क्षेत्र में हरे पेड़ों की कटान पर नहीं लग रही लगाम
वन विभाग और ठेकेदारों की मिलीभगत से पर्यावरण को खतरा
संवाददाता: समीर पठान, पनवाड़ी
पनवाड़ी ब्लॉक क्षेत्र में हरे पेड़ों की अवैध कटान तेजी से बढ़ रही है। वन विभाग और ठेकेदारों की मिलीभगत से यह गतिविधियां धड़ल्ले से संचालित हो रही हैं। आरा मशीनों पर प्रतिबंधित पेड़ों की लकड़ियों को चिराई कर व्यावसायिक उपयोग के लिए तैयार किया जा रहा है। इसके चलते न केवल पर्यावरण को भारी नुकसान हो रहा है, बल्कि सरकार की वन संरक्षण और पौधारोपण योजनाओं पर भी इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।
सरकार की मंशा पर पानी फेर रहे विभाग के अधिकारी
हर साल सरकार पर्यावरण संरक्षण के लिए बड़े पैमाने पर पौधारोपण अभियान चलाती है। लेकिन इन पौधों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए वन विभाग की उदासीनता सरकार की मंशा पर पानी फेर रही है। विभाग के अधिकारियों द्वारा अवैध कटान की शिकायतों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जाती।
समाजसेवी और जागरूक नागरिक कई बार अवैध लकड़ी कटान की शिकायतें वन विभाग से कर चुके हैं। लेकिन प्रशासन केवल खानापूर्ति कर मामले को दबा देता है।
मौसम और अंधेरे का फायदा उठाते लकड़ी माफिया
सर्दियों के मौसम में अंधेरा जल्दी हो जाने और सड़कों पर सन्नाटा छा जाने का फायदा उठाकर लकड़ी माफिया सक्रिय हो जाते हैं। मसूदपुरा रोड और नौगांव फदना रोड के पास संचालित आरा मशीनों पर प्रतिबंधित पेड़ों की लकड़ियां बड़ी मात्रा में पाई गई हैं। वन विभाग के अधिकारियों और आरा मशीन संचालकों की सांठगांठ से यह अवैध कार्य संचालित हो रहा है।
पर्यावरण को हो रहा बड़ा नुकसान
हरे पेड़ों की कटान से पर्यावरण पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है। जहां एक ओर पेड़ वातावरण को शुद्ध करते हैं और जलवायु संतुलन बनाए रखते हैं, वहीं दूसरी ओर पेड़ों की घटती संख्या से ग्लोबल वार्मिंग और अन्य पर्यावरणीय समस्याएं बढ़ रही हैं।
जिम्मेदारों पर सख्त कार्रवाई की मांग
स्थानीय निवासियों और पर्यावरण प्रेमियों ने सरकार से मांग की है कि वन विभाग के भ्रष्ट अधिकारियों, ठेकेदारों और लकड़ी माफियाओं पर सख्त कार्रवाई की जाए। साथ ही, आरा मशीनों पर होने वाले अवैध कार्यों को तुरंत रोका जाए।
यह समय है कि सरकार और प्रशासन इस गंभीर मुद्दे पर सख्त कदम उठाए ताकि पर्यावरण को होने वाले नुकसान को रोका जा सके।