केंद्र सरकार उपभोक्ताओं और किसानों के हित में मूल्य स्थिरता बनाए रखने के लिए समय पर ले रही है निर्णय
केंद्र सरकार उपभोक्ताओं और किसानों के हित में मूल्य स्थिरता बनाए रखने के लिए समय पर ले रही है निर्णय
आवश्यक खाद्य वस्तुओं की समग्र उपलब्धता और सामर्थ्य सुनिश्चित करने के लिए घरेलू उत्पादन को प्रोत्साहित करने, आयात और निर्यात नीतियों जैसे उपाय किए जा रहे हैं
केंद्र सरकार उपभोक्ताओं के लिए आवश्यक खाद्य वस्तुओं की उपलब्धता और कीमतों पर कड़ी निगरानी रख रही है। केंद्र सरकार का यह कदम उपभोक्ताओं को उनकी सामर्थ्य के अनुसार खाद्य वस्तुएं उपलब्ध कराने तथा मूल्य व्यवस्था को स्थिर बनाए रखने के उद्देश्य से है।
वर्ष 2024-25 में अच्छी मानसूनी बारिश और अनुकूल मौसम की स्थिति के कारण दालों और प्याज का उत्पादन पिछले वर्ष की तुलना में बढ़ने का अनुमान है। तुअर का उत्पादन 35.02 एलएमटी होने का अनुमान है, जो पिछले वर्ष के 34.17 एलएमटी उत्पादन से 2.5 प्रतिशत अधिक है। कृषि और किसान कल्याण विभाग ने चालू सत्र के दौरान तुअर की खरीद के लिए मंजूरी जारी कर दी है। अच्छी बुवाई और मिट्टी के अनुकूल नमी और मौसम की स्थिति के कारण चना और मसूर का उत्पादन अच्छा रहने की उम्मीद है। खरीफ मूंग का उत्पादन 13.83 एलएमटी का अनुमान है, जो पिछले वर्ष के 11.54 एलएमटी उत्पादन की तुलना में 20 प्रतिशत अधिक है।
खरीफ और लेट खरीफ प्याज का उत्पादन अधिक बुवाई के कारण अच्छा रहने का अनुमान है। इसी तरह रबी प्याज की बुवाई भी अच्छी चल रही है। इसी तरह अनुकूल जलवायु परिस्थितियों के कारण आलू की बुवाई भी अच्छी चल रही है।
कैलेंडर वर्ष 2024 दिसंबर में खुदरा मुद्रास्फीति दर 5.22 प्रतिशत के साथ समाप्त हुआ, जो अक्टूबर में वर्ष के उच्चतम 6.21 प्रतिशत से काफी कम है। दिसंबर में खाद्य मुद्रास्फीति भी अक्टूबर में 10.87 प्रतिशत से कम होकर 8.39 प्रतिशत हो गई। पिछले वर्षों से तुलना करने पर 2024 में वार्षिक औसत खुदरा मुद्रास्फीति दर 4.95 प्रतिशत पिछले दो वर्षों की दरों से कम है, जो 2022 में 6.69 प्रतिशत और 2023 में 5.65 प्रतिशत थी। पीछे मुड़कर देखें तो खाद्य मूल्य प्रबंधन के दृष्टिकोण से कहा जा सकता है कि वर्ष 2024 में कई चुनौतियों के बावजूद उचित रूप से बेहतर तरीके से काम किया गया।