अवैध शस्त्रों की बढ़ती समस्या और पुलिस की लापरवाही पर उठे सवाल

अवैध शस्त्रों की बढ़ती समस्या और पुलिस की लापरवाही पर उठे सवाल

प्रवीण कुमार(ब्यूरो प्रमुख)

जनपद महोबा के कुलपहाड़ थाना क्षेत्र में पुलिस ने अवैध शस्त्रों के खिलाफ अभियान के तहत एक अभियुक्त को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए अभियुक्त कुलदीप पाठक, पुत्र नवल किशोर पाठक, निवासी ग्राम चुरारी, को 315 बोर के देशी तमंचे और जिंदा कारतूस के साथ गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने अभियुक्त के खिलाफ धारा 3/25 आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज कर उसे न्यायालय में पेश किया।

पुलिस की उपलब्धियां या मात्र दिखावा?

हालांकि इस गिरफ्तारी को पुलिस अपनी बड़ी उपलब्धि के तौर पर पेश कर रही है, लेकिन क्षेत्र में अवैध शस्त्रों के निर्माण और वितरण के बढ़ते मामलों पर पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। इन घटनाओं से पता चलता है कि क्षेत्र में अवैध शस्त्र निर्माण और उनकी आपूर्ति का एक संगठित नेटवर्क सक्रिय है।

अवैध शस्त्रों की आपूर्ति जारी, पुलिस नाकाम

क्षेत्र में अवैध शस्त्र निर्माण के कारखाने खुलेआम संचालित हो रहे हैं। यह तथ्य चिंताजनक है कि पुलिस इन कारखानों तक पहुंचने और इन्हें ध्वस्त करने में अब तक पूरी तरह नाकाम रही है। गिरफ्तार अभियुक्तों से पूछताछ कर नेटवर्क के अन्य प्रमुख सदस्यों तक पहुंचने की कोई ठोस योजना पुलिस के पास नजर नहीं आती।

कारतूसों की काला बाजारी और बेरोजगारी का कनेक्शन

अवैध शस्त्रों के बढ़ते चलन के पीछे बेरोजगारी भी एक बड़ा कारण है। बेरोजगार युवाओं को आसानी से इन गतिविधियों में शामिल कर लिया जाता है। काला बाजारी के जरिए कारतूस और अन्य हथियार अपराधियों तक आसानी से पहुंच रहे हैं। पुलिस की निष्क्रियता इन गतिविधियों को अप्रत्यक्ष रूप से बढ़ावा दे रही है।

अवैध शस्त्रों से बढ़ते अपराध

अवैध शस्त्र अपराधियों के लिए एक अहम सहारा बन चुके हैं। इनकी सहायता से हत्या, डकैती, लूट और अन्य गंभीर अपराधों को अंजाम दिया जा रहा है। पुलिस की कार्रवाई केवल छोटे अपराधियों तक सीमित रहती है, जबकि मुख्य सरगनाओं पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही।

जनता के सवाल और पुलिस पर दबाव

आम जनता का मानना है कि पुलिस की यह कार्रवाई केवल दिखावे के लिए है। यदि पुलिस वास्तव में गंभीर होती, तो अवैध शस्त्र निर्माण की जड़ों तक पहुंचकर इस नेटवर्क को जड़ से खत्म किया जा सकता था।

जरूरत कड़ी कार्रवाई की

पुलिस प्रशासन को चाहिए कि वह सिर्फ दिखावे की कार्रवाई न करे, बल्कि अवैध शस्त्र निर्माण और तस्करी के नेटवर्क को खत्म करने के लिए सख्त कदम उठाए। अवैध शस्त्रों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई से ही क्षेत्र में शांति और कानून व्यवस्था स्थापित की जा सकती है।

निष्कर्ष:
पुलिस की मौजूदा कार्यप्रणाली पर सवाल उठते रहेंगे, जब तक कि अवैध शस्त्रों के मुख्य स्रोतों पर कार्रवाई नहीं की जाती। अपराधियों की गिरफ्तारी के साथ-साथ पुलिस को उनकी आपूर्ति श्रृंखला को भी ध्वस्त करना होगा। यह सिर्फ कानून व्यवस्था का सवाल नहीं है, बल्कि समाज की सुरक्षा और भविष्य का भी प्रश्न है।

 

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