भविष्य की नौकरियों पर सम्मेलन से मुख्य निष्कर्ष : उद्योग कौशल केन्द्र बनने के लिए तैयार
केंद्रीय मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने “नौकरियों के भविष्य पर सम्मेलन” में कौशल पहल के माध्यम से वैश्विक कार्यबल की कमी को दूर करने की भारत की क्षमता पर प्रकाश डाला
भविष्य की नौकरियों पर सम्मेलन से मुख्य निष्कर्ष : उद्योग कौशल केन्द्र बनने के लिए तैयार
श्रम एवं रोजगार मंत्रालय (एमओएलई) ने भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के सहयोग से 15 जनवरी, 2025 को नई दिल्ली में “भविष्य की नौकरियों पर सम्मेलन” का आयोजन किया। इसका विषय भविष्य के कार्यबल को स्वरुप देना: गतिशील दुनिया में विकास को गति देना” था । इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में नीति निर्माताओं, उद्योग जगत के अग्रणी व्यक्तियों और विशेषज्ञों को उभरते रोजगार परिदृश्य पर विचार – विमर्श करने और भारत में भविष्य के लिए तैयार कार्यबल के लिए रणनीति तैयार करने के लिए आंमत्रित किया गया था।
केंद्रीय श्रम एवं रोजगार तथा युवा मामले एवं खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने कहा कि शिक्षा और रोजगार में समन्वय के लिए कौशल विकास हमारे प्रयासों के केंद्र में होना चाहिए। नवाचार को प्रोत्साहन देकर, उत्पादकता में वृद्धि कर और कार्यबल के लिए व्यक्तियों को तैयार करके, हम रोजगार सृजित कर रहे हैं और वैश्विक प्रतिभा केंद्र का निर्माण कर रहे हैं। उन्होंने कौशल और मानकों की पारस्परिक मान्यता जैसी पहलों के माध्यम से वैश्विक कार्यबल की कमी को दूर करने की भारत की क्षमता पर भी प्रकाश डाला।