हमीरपुर: पुलिस पिटाई के खिलाफ छात्रों का प्रदर्शन, रिश्वत मांगने का आरोप
हमीरपुर: पुलिस पिटाई के खिलाफ छात्रों का प्रदर्शन, रिश्वत मांगने का आरोप
हमीरपुर जिले के राठ कस्बे में रविवार को राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज के दर्जनों छात्रों ने पुलिस के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया। पुलिस पर छात्रों को कोतवाली बुलाकर गाली-गलौज और मारपीट करने का आरोप लगाया गया है। प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने कोतवाली पुलिस पर रिश्वत मांगने का गंभीर आरोप भी लगाया। छात्रों ने उच्चाधिकारियों को शिकायत पत्र भेजकर दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
क्या है मामला?
राठ कोतवाली क्षेत्र के सरसई स्थित राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज के छात्रों के बीच बीते बुधवार को आपसी विवाद हुआ था। प्रधानाचार्य व शिक्षकों की मौजूदगी में गुरुवार को दोनों पक्षों में समझौता हो गया था। समझौता पत्र को कोतवाली में भी जमा कराया गया।
छात्रों का आरोप है कि शुक्रवार शाम को कोतवाली के दरोगा विनय विनेश गौतम ने फोन कर उन्हें कोतवाली आने को कहा। जब छात्र शनिवार शाम को परीक्षा के बाद कोतवाली पहुंचे, तो पुलिसकर्मियों ने उन्हें गाली-गलौज करते हुए थप्पड़ मारे। विरोध करने पर छात्रों को कोतवाली के एक कमरे में ले जाकर बंद कर दिया गया।
छात्रों का आरोप
छात्रों ने बताया कि पुलिसकर्मियों ने समझौते को खारिज कर दिया और मामले को निपटाने के लिए उनसे पैसों की मांग की। जब छात्रों ने पैसे देने से इनकार किया, तो पुलिसकर्मियों ने उनके साथ बर्बरता की। आरोप है कि पुलिसकर्मियों ने छात्रों के हाथ-पैर को जूतों से कुचला, बाल और दाढ़ी भी खींची।
पुलिस का पक्ष
राठ कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक रामआसरे सरोज ने छात्रों के आरोपों को निराधार बताया। उन्होंने कहा कि मामला राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज में सीनियर छात्रों द्वारा जूनियर छात्रों की रैगिंग और मारपीट का था। शिक्षकों की मौजूदगी में समझौता होने के बावजूद सीनियर छात्रों ने दोबारा मारपीट की।
प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि छात्रों के आरोप झूठे हैं। कोतवाली में न तो गाली-गलौज हुई और न ही किसी से पैसे मांगे गए।
प्रदर्शन और कार्रवाई की मांग
प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने कहा कि दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई, तो वे बड़ा आंदोलन करेंगे। इस घटना ने न केवल छात्रों बल्कि अभिभावकों और शिक्षकों के बीच भी नाराजगी फैलाई है।
क्या होगा आगे?
इस मामले में पुलिस विभाग के उच्चाधिकारी क्या कदम उठाते हैं, यह देखना बाकी है। छात्रों और पुलिस के बीच का यह विवाद क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है।