हमीरपुर: अबैध तमंचों की भरमार, पुलिस की सुस्ती से बढ़ रही आपराधिक गतिविधियां ग्रेजुएशन की छात्रा ने दबंगई का किया पर्दाफाश, तमंचा छीनकर पुलिस को सौंपी, पुलिस पर लीपापोती का आरोप
हमीरपुर: अबैध तमंचों की भरमार, पुलिस की सुस्ती से बढ़ रही आपराधिक गतिविधियां
ग्रेजुएशन की छात्रा ने दबंगई का किया पर्दाफाश, तमंचा छीनकर पुलिस को सौंपी, पुलिस पर लीपापोती का आरोप
हमीरपुर जनपद के राठ कोतवाली क्षेत्र में अबैध तमंचों और अपराधों का ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है। क्षेत्र में अबैध शस्त्र कारखानों के संचालन की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता, लेकिन पुलिस इस ओर ध्यान देने के बजाय मामले को दबाने में जुटी है।
तमंचा लहराने और धमकी देने का मामला
राठ कोतवाली क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली 18 वर्षीय ग्रेजुएशन छात्रा ने क्षेत्र के पठानपुरा निवासी युवक पर गंभीर आरोप लगाए हैं। युवती के अनुसार, आरोपी युवक से उसकी फोन पर दोस्ती थी, लेकिन युवती के परिजनों द्वारा विवाह तय करने के बाद से युवक उसे धमकाने और परेशान करने लगा।
युवती ने बताया कि गुरुवार रात करीब 9 बजे आरोपी युवक अपने चार साथियों के साथ चार पहिया वाहन से उसके घर आया। उसने गाली-गलौज करते हुए तमंचे से हवाई फायर किया और विवाह का दबाव बनाया। इस दौरान युवक ने फोटो वायरल करने की भी धमकी दी। साहसी छात्रा ने हिम्मत दिखाते हुए आरोपी से तमंचा छीन लिया और अगले दिन कोतवाली पहुंचकर मामला दर्ज कराया।
पुलिस की संदिग्ध भूमिका
छात्रा की बहादुरी और तत्परता के बावजूद पुलिस की कार्रवाई सवालों के घेरे में है। राठ कोतवाली के प्रभारी इंस्पेक्टर ने फायरिंग की घटना को “निराधार” बताया, जबकि युवती ने ठोस प्रमाण के साथ घटना की जानकारी दी। पुलिस की इस बयानबाजी से स्थानीय जनता में आक्रोश है।
अबैध तमंचों पर क्यों नहीं लगाम?
राठ क्षेत्र में लगातार अबैध तमंचों से जुड़े मामले सामने आ रहे हैं। तमंचों और कारतूसों के स्रोत का पता लगाने में पुलिस की निष्क्रियता ने अपराधियों के हौसले बुलंद कर दिए हैं। स्थानीय लोग सवाल उठा रहे हैं कि पुलिस आखिर इन अपराधियों और अबैध शस्त्रों के पीछे छिपे गिरोहों पर लगाम लगाने से क्यों परहेज कर रही है।
पुलिस की निंदा और जनता की मांग
क्षेत्रीय जनता ने पुलिस की भूमिका की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि पुलिस अपराधों पर लगाम लगाने और अबैध शस्त्रों के खिलाफ कार्रवाई करने में विफल हो रही है। लोगों ने मांग की है कि:
1. अबैध शस्त्रों के निर्माण और वितरण में शामिल गिरोहों की पहचान की जाए।
2. पीड़िता की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए आरोपी पर सख्त कार्रवाई हो।
3. क्षेत्र में पुलिस गश्त और सतर्कता बढ़ाई जाए।
निष्कर्ष
यह घटना केवल एक उदाहरण है कि कैसे अबैध तमंचों और पुलिस की लापरवाही से कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं। अगर पुलिस ने समय रहते ठोस कदम नहीं उठाए, तो क्षेत्र में अपराधों की संख्या और भयावह स्थिति और बढ़ सकती है। जनता ने प्रशासन से तत्काल हस्तक्षेप की अपील की है।