राष्ट्रीय युवा दिवस पर स्वामी विवेकानंद जयंती का भव्य आयोजन

राष्ट्रीय युवा दिवस पर स्वामी विवेकानंद जयंती का भव्य आयोजन
सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज, महोबा में प्रेरणादायक संगोष्ठी

महोबा। राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज, महोबा में स्वामी विवेकानंद जी की जयंती के उपलक्ष्य में एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर स्वामी विवेकानंद के जीवन, शिक्षा और उनके प्रेरणादायक विचारों पर चर्चा की गई।

कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन और स्वामी विवेकानंद के चित्र पर माल्यार्पण के साथ हुआ। संगीताचार्य पंडित श्री जगप्रसाद तिवारी जी ने स्वामी विवेकानंद के संघर्षमय जीवन और उनके उपदेशों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि स्वामी विवेकानंद भारतीय संस्कृति के महानायक के रूप में विश्वभर में प्रसिद्ध हुए। उन्होंने बताया कि स्वामी विवेकानंद, जिनका मूल नाम नरेंद्रनाथ दत्ता था, का जन्म 12 जनवरी 1863 को कलकत्ता में हुआ था। उनके पिता श्री विश्वनाथ दत्ता एक विद्वान और सफल वकील थे, जबकि उनकी माँ एक धर्मपरायण महिला थीं, जिन्होंने उनके चरित्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

शिक्षा और विचारों पर चर्चा

हिंदी प्रवक्ता अरुण कुमार श्री माली जी ने स्वामी विवेकानंद के व्यक्तित्व और कृतित्व पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद केवल एक महान भारतीय संत और दार्शनिक ही नहीं थे, बल्कि वे एक राष्ट्रीय नायक और प्रेरणा स्रोत भी थे। उन्होंने अपने ओजस्वी विचारों से युवाओं को प्रोत्साहित किया और भारतीय संस्कृति को विदेशों तक पहुँचाया। शिकागो में आयोजित विश्व धर्म महासभा में उनका ऐतिहासिक भाषण भारतीय संस्कृति की श्रेष्ठता का प्रमाण है।

वरिष्ठ आचार्य का संदेश

संगोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ आचार्य श्री जयनारायण तिवारी जी ने स्वामी विवेकानंद की शिक्षाओं पर चर्चा करते हुए कहा कि वेदांत और उपनिषदों के प्रति उनकी निष्ठा ने भारतीय सामाजिक-सांस्कृतिक परंपराओं पर गहरा प्रभाव डाला। उनकी शिक्षाएँ ऊर्जा, ज्ञान और शक्ति के स्रोत हैं। स्वामीजी का जीवन हमें सिखाता है कि आत्मबल और मेहनत से हर कठिनाई को पार किया जा सकता है।

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का योगदान

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता सुमित गोस्वामी ने कहा कि स्वामी विवेकानंद हमारे देश के गौरव हैं। उन्होंने युवाओं को राष्ट्रीय चेतना और भारतीय संस्कृति के प्रति जागरूक किया।

छात्राओं की प्रस्तुति

कार्यक्रम के दौरान विद्यालय की छात्राओं ने स्वामी विवेकानंद के जीवन और उनके उपदेशों पर आधारित प्रेरणादायक प्रस्तुतियाँ दीं। उन्होंने बताया कि स्वामी विवेकानंद का जीवन हर युवा के लिए प्रेरणा का स्रोत है।

उपस्थित लोग

कार्यक्रम में विद्यालय परिवार के सभी सदस्य, विद्यार्थी, और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता उपस्थित रहे। सभी ने स्वामी विवेकानंद के आदर्शों का अनुसरण करने और उनके बताए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया।

निष्कर्ष
कार्यक्रम का समापन स्वामी विवेकानंद के विचारों को आत्मसात करने और उनके आदर्शों पर चलने की प्रतिज्ञा के साथ हुआ। यह आयोजन युवाओं को प्रेरित करने और उनके जीवन में नए उत्साह का संचार करने में सफल रहा।

 

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