उत्तर प्रदेश में अवैध शस्त्रों की भरमार: पुलिस की निष्क्रियता पर उठे सवाल-अबैध शस्त्र के साथ फिर एक युवक गिरफ्तार
उत्तर प्रदेश में अवैध शस्त्रों की भरमार: पुलिस की निष्क्रियता पर उठे सवाल-अबैध शस्त्र के साथ फिर एक युवक गिरफ्तार
प्रवीण कुमार(ब्यूरो प्रमुख)
उत्तर प्रदेश में अपराधियों की धरपकड़ और अवैध शस्त्रों की बरामदगी का सिलसिला जारी है। इसी क्रम में महोबा जिले के थाना अजनर पुलिस ने एक नामजद अभियुक्त को गिरफ्तार कर सफलता का दावा किया है। हालांकि, पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठते हैं कि आखिर कब तक ये अभियान केवल दिखावे तक सीमित रहेगा।
अवैध शस्त्रों का बढ़ता कारोबार
प्रदेश में अवैध शस्त्रों का कारोबार तेजी से पैर पसार रहा है। छोटे-छोटे गांवों और कस्बों में अवैध हथियार बनाए जा रहे हैं, जो अपराधियों के हाथों में आसानी से पहुंच रहे हैं। महोबा जिले में पुलिस ने एक 22 वर्षीय अभियुक्त नीरज पुत्र वीर सिंह राजपूत को गिरफ्तार किया, जिसके पास से 315 बोर का तमंचा, एक जिंदा कारतूस और एक खोखा कारतूस बरामद किया गया।
पुलिस की कार्रवाई पर सवाल
हालांकि, पुलिस की सफलता पर सवाल उठते हैं कि आखिर कब तक सिर्फ छोटी मछलियों को पकड़ा जाएगा? अवैध शस्त्रों का वास्तविक स्रोत क्या है, इसे खोजने में पुलिस क्यों परहेज कर रही है? अवैध शस्त्रों के कारखाने कहां संचालित हो रहे हैं और इन्हें बंद करने के लिए ठोस कदम क्यों नहीं उठाए जा रहे?
पुलिस का ढीला रवैया
महोबा पुलिस ने दावा किया है कि गिरफ्तार अभियुक्त ने हत्या के प्रयास में इन हथियारों का इस्तेमाल किया। लेकिन सवाल यह है कि पुलिस पहले ही क्यों नहीं सतर्क हुई? जब क्षेत्र में अवैध शस्त्रों के कारखानों के संचालन की खबरें आम हो चुकी हैं, तो पुलिस ने इन स्रोतों तक पहुंचने के लिए अभी तक ठोस रणनीति क्यों नहीं बनाई?
समाज में बढ़ती असुरक्षा
अवैध शस्त्रों की बढ़ती उपलब्धता ने समाज में असुरक्षा का माहौल पैदा कर दिया है। अपराधी इन शस्त्रों का इस्तेमाल हत्या, लूट, और अन्य गंभीर अपराधों में कर रहे हैं। हालांकि, पुलिस कार्रवाई का दावा करती है, लेकिन इसके बावजूद अपराध की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रहीं।
जरूरत ठोस कार्रवाई की
महोबा जिले में हुई इस गिरफ्तारी के बाद यह सवाल और गहराता है कि क्या पुलिस केवल छोटे अपराधियों को पकड़कर अपनी पीठ थपथपाने में व्यस्त है? पुलिस को चाहिए कि वह अवैध शस्त्रों के मूल स्रोत को ढूंढे और इसे खत्म करे। केवल गिरफ्तारी से अपराध पर लगाम लगने वाली नहीं है।
निष्कर्ष
जब तक पुलिस अपराधियों के नेटवर्क और अवैध शस्त्रों के कारोबार की जड़ तक नहीं पहुंचेगी, तब तक प्रदेश में अपराधों का सिलसिला नहीं थमेगा। जनता पुलिस से उम्मीद करती है कि वह अपने दायित्व को गंभीरता से निभाए और कानून-व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए ठोस कदम उठाए।