महोबा: अवैध शस्त्रों के बढ़ते खतरे और पुलिस की निष्क्रियता पर सवाल
महोबा: अवैध शस्त्रों के बढ़ते खतरे और पुलिस की निष्क्रियता पर सवाल
महोबा जनपद में अवैध शस्त्रों का गोरखधंधा थमने का नाम नहीं ले रहा है। पुलिस प्रशासन द्वारा अपराधियों की गिरफ्तारी के बावजूद, अवैध शस्त्र निर्माण और आपूर्ति की जड़ तक पहुंचने की कोशिश न करना, उनकी कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े करता है।
हाल ही में पुलिस अधीक्षक महोबा, श्री पलाश बंसल के निर्देशन में चलाए जा रहे सघन चेकिंग अभियान के तहत, थाना कोतवाली नगर महोबा की पुलिस टीम ने चार अपराधियों को गिरफ्तार किया है। उनके पास से दो तमंचे और छह जिंदा कारतूस बरामद हुए हैं। हालांकि, यह कार्रवाई महज सतही प्रतीत होती है, क्योंकि पुलिस अब तक यह पता लगाने में नाकाम रही है कि इन अपराधियों को ये अवैध शस्त्र और कारतूस कहां से और कैसे प्राप्त हो रहे हैं।
अवैध शस्त्र कारखानों की अनदेखी
महोबा जिले में लगातार हो रही गिरफ्तारियां इस ओर साफ इशारा करती हैं कि क्षेत्र में अवैध शस्त्र कारखानों का संचालन बड़े पैमाने पर हो रहा है। इसके बावजूद, पुलिस केवल अपराधियों को पकड़ने तक सीमित रह गई है, जबकि इन शस्त्रों की आपूर्ति के स्रोतों पर प्रभावी कार्रवाई नहीं की जा रही है। यह चिंताजनक है कि अपराधियों तक ये हथियार इतनी आसानी से कैसे पहुंच रहे हैं।
पुलिस की लापरवाही और दिखावटी कार्रवाई
हालांकि पुलिस द्वारा की गई गिरफ्तारी एक सराहनीय कदम हो सकता है, लेकिन इसकी गहराई में जाने की जरूरत है। पुलिस की वर्तमान कार्यशैली केवल आंकड़े बढ़ाने की कोशिश लगती है, न कि अपराध की जड़ तक पहुंचने की। यह दिखावटी कार्रवाई अवैध शस्त्रों के बढ़ते खतरे को रोकने में पूरी तरह से विफल हो रही है।
अवैध शस्त्रों का समाज पर प्रभाव
अवैध शस्त्र अपराधों को बढ़ावा देते हैं और समाज में अराजकता फैलाते हैं। महोबा में इन शस्त्रों का उपयोग हत्या, डकैती और अन्य गंभीर अपराधों में हो रहा है। यदि पुलिस इन अवैध गतिविधियों के मुख्य स्रोत तक नहीं पहुंचती, तो यह समस्या और विकराल रूप ले सकती है।
जनता की मांग: ठोस कदम उठाए जाएं
महोबा की जनता पुलिस प्रशासन से अपेक्षा करती है कि वह केवल अपराधियों को गिरफ्तार करने तक सीमित न रहे, बल्कि अवैध शस्त्र आपूर्ति की जड़ों को खत्म करने के लिए ठोस कदम उठाए। क्षेत्र में चल रहे अवैध शस्त्र कारखानों को बंद करना और इनसे जुड़े माफियाओं को पकड़ना प्राथमिकता होनी चाहिए।
यदि पुलिस इसी तरह केवल सतही कार्रवाई करती रही, तो अवैध शस्त्रों का यह गोरखधंधा थमने वाला नहीं है। महोबा को अपराध मुक्त बनाने के लिए पुलिस को अपनी कार्यशैली में बदलाव लाना होगा और अपराध की जड़ों तक पहुंचने का साहस दिखाना होगा।