दोनों राज्यों की पुलिस पर सवाल, परिजनों ने लगाया जाम 4 घंटे बाद शव ले गई मध्यप्रदेश पुलिस

दोनों राज्यों की पुलिस पर सवाल, परिजनों ने लगाया जाम
4 घंटे बाद शव ले गई मध्यप्रदेश पुलिस

महोबा जिले के महोबकंठ थाना क्षेत्र के सौरा गांव निवासी राहुल की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। इस घटना को लेकर परिजनों और ग्रामीणों में गहरा आक्रोश देखा गया। दोनों राज्यों की पुलिस की कार्य प्रणाली से नाराज परिजनों और ग्रामीणों ने मुख्य मार्ग पर जाम लगा दिया।

घटना का विवरण:

राहुल का शव संदिग्ध परिस्थितियों में मिला, जिससे पूरे गांव में हड़कंप मच गया। परिजनों ने आरोप लगाया कि न तो उत्तर प्रदेश पुलिस और न ही मध्यप्रदेश पुलिस ने मामले को गंभीरता से लिया। पुलिस की निष्क्रियता और घटना की जांच में लापरवाही को लेकर ग्रामीणों ने विरोध जताते हुए जाम लगाया।

ग्रामीणों का आक्रोश और प्रदर्शन:

मृतक के परिजनों के साथ बड़ी संख्या में ग्रामीण सड़क पर उतर आए। उन्होंने पुलिस पर आरोप लगाते हुए मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की। ग्रामीणों का कहना था कि पुलिस ने घटना को लेकर संवेदनहीन रवैया अपनाया है।

4 घंटे बाद हरकत में आई मध्यप्रदेश पुलिस:

जाम लगने और बढ़ते विरोध को देखते हुए मध्यप्रदेश पुलिस मौके पर पहुंची। चार घंटे तक चले हंगामे और बातचीत के बाद पुलिस ने शव को कब्जे में लिया और पोस्टमार्टम के लिए भेजा। इस दौरान ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि यदि मामले में न्याय नहीं मिला तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा।

परिजनों की मांग:

मृतक राहुल के परिजनों ने न्याय की मांग करते हुए कहा कि घटना की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। उन्होंने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की और पुलिस प्रशासन से भरोसेमंद कदम उठाने की अपील की।

प्रशासन की प्रतिक्रिया:

मध्यप्रदेश पुलिस ने मामले की जांच शुरू करने की बात कही है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि सभी पहलुओं की जांच की जा रही है और जल्द ही दोषियों को पकड़कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

समाज में बढ़ता आक्रोश:

इस घटना ने दोनों राज्यों की पुलिस व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि जब तक न्याय नहीं मिलता, उनकी लड़ाई जारी रहेगी। यह घटना एक बार फिर पुलिस और प्रशासन की कार्यप्रणाली पर विचार करने की आवश्यकता को दर्शाती है।

(यह घटना दोनों राज्यों के प्रशासनिक तंत्र को आत्मनिरीक्षण करने की ओर प्रेरित करती है। अब देखना यह है कि मृतक राहुल और उसके परिजनों को कब तक न्याय मिलता है।)

 

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