बाबा साहब चले गये पर, नैनों में अब छाये हैं।
🥀ताटंक छंद🥀
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बाबा साहब चले गये पर,
नैनों में अब छाये हैं।
सविंधान को देने वाले,
हृदय आज समाये हैं।।
देखो हक गरीब को मिलता,
बाबा साब दिलाये हैं।
बाबा थे नैनों के तारे,
यादें वहुत सताये हैं।।
बाबा साहब–
छुआ छूट की प्रथा वुरी थी,
आके आप मिटाये हैं।
तुम कुप्रथा के लिये काल थे,
कुप्रथा हिन्द हटाये हैं।।
भारत माँ के सत्य पुजारी,
माँ का मान बढ़ाये हैं।
प्रभु पग धूली नमन करें अब,
फिरसे तुम्हें बुलाये हैं।।
बाबा साहब–
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🥀प्रभु पग धूल🥀
लक्ष्मी कान्त सोनी
महोबा
उत्तर प्रदेश