ये रोजी रोटी चाहिये,शराव ना विकाइये, और नहि लजाइये,काम नीक लाइये।

🥀मनहरण घनाक्षरी🥀
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ये रोजी रोटी चाहिये,शराव ना विकाइये,
और नहि लजाइये,काम नीक लाइये।
अफीम न पिवाईये,भविष्य न नशाइये,
सोच हृदय छाइये,देश को बचाइये।।
स्मैक नहि मगाइये,शरीर न बिगाड़िये,
जे काज न सचारिये,शान ना गिराइये।।
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🥀प्रभु पग धूली🥀
लक्ष्मी कान्त सोनी
महोबा
उत्तर प्रदेश

शराव सरि लख रस रही,वहते जन जन आज। डोलत फिरवें गलन में,विगड़ो सबरो राज।। https://networktimes.in/1109/

 

 

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