श्री जुगल किशोर जु मूर्ति चोरी काण्ड 1987 से आज तक अनबूझी पहेली बना-कानून के हाथ हो रहे बौने सावित वायरल वीडियो मुम्बई के मूर्ति तस्करों की ओर कर रहा इशारा-पुलिस बोली हमें घटना की जानकारी नहीं

श्री जुगल किशोर जु मूर्ति चोरी काण्ड 1987 से आज तक अनबूझी पहेली बना-कानून के हाथ हो रहे बौने सावित
वायरल वीडियो मुम्बई के मूर्ति तस्करों की ओर कर रहा इशारा-पुलिस बोली हमें घटना की जानकारी नहीं

 

सुगिरा/महोबा/उत्तर प्रदेश के महोबा जनपद के कुलपहाड़ थाना क्षेत्रान्तर्गत सुगिरा गाँव में सन 03/02/1987 में श्री जुगल किशोर जु मंदिर से प्राचीन अनमोल मूर्तियों को अज्ञात चोरों द्वारा चोरी कर लिया गया था।
जिसकी तहरीर माता दीन पांडेय पुत्र


स्व.भानुप्रताप पांडेय ने कुलपहाड़ थाने में देते हुए मुकदमा पंजीकृत करवाया था।जिसमें पुलिस के द्वारा 20/1987 धारा 457/380भा द वि पंजीकृत किया गया था किंतु 1987 से आज तक कई वर्ष व्ययतीत होने के वावजूद भी निष्क्रिय पुलिस इस घटना का खुलाशा नहीं कर सकी ।
जबकी नेटवर्क टाइम्स ने कई बार इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया।
इसी क्रम में आपको बता दें सुगिरा गाँव में मूर्ति चोरी की यह पहली घटना नहीं है पहले भी ऐसी अन्य मूर्ति चोरी की घटनाएँ घट चुकी हैं।
अभी बीते कुछ वर्षों पूर्व धनुष धारी मूर्ति चोरी काण्ड की घटना घटित हुई थी जिसमें पुलिस के द्वारा दो मूर्ति चोरों को गिरफ्तार किया गया था व मूर्तियाँ भी बरामद की गयीं थी।
किन्तु पुलिस ने जुगल किशोर मूर्ति काण्ड के खुलाशा की कोशिश ही नहीं की धनुष धारी मूर्ति चोरी काण्ड के दौरान चोरों की गोपनीय वार्ता का वीडियो वायरल हुआ था जिसमें ये मूर्ति चोर किसी मुम्बई के मूर्ति तस्कर की ओर इशारा कर रहे थे जो वायरल वीडियो में स्पष्ट रूप से सुना जा सकता है।
किन्तु महोबा की निष्क्रिय पुलिस ने इस बात को गंभीरता से नहीं लिया यदि पुलिस इस मुम्बई मूर्ति तस्कर का पता लगाने की थोड़ी सी कोशिश करती तो सुगिरा का जुगल किशोर मूर्ति चोरी काण्ड आज अनबूझी पहेली न रहता।
पुलिस की घोर निस्क्रियता को देखते हुए नेटवर्क टाइम्स ने इसकी शिकायत जन सुनवाई पोर्टल पर दर्ज करवाई तो पुलिस के होश उड़ गए उन्होंने नेटवर्क टाइम्स मोबाईल के द्वारा संपर्क कर मामले की जानकारी नेटवर्क टाइम्स ली।
सबसे अधिक विचारणीय बात तो यह है की जब नेटवर्क टाइम्स से पुलिस ने बात की तो इस मामले की जानकारी न होने की बात पुलिस द्वारा की गई अब आप ही बताइए जब पुलिस को 1987 से आज तक मामले की जानकारी ही नहीं हुई तो कौन इस घटना का खुलाशा करेगा।
फिलहाल कुछ भी हो सुगिरा के जुगल किशोर मूर्ति चोरी काण्ड में पुलिस के हाथ बौने सावित हो रहे हैं।

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