प्रधानमंत्री ने लू संबंधी स्थिति से निपटने के लिए तैयारियों की समीक्षा की

प्रधानमंत्री ने लू संबंधी स्थिति से निपटने के लिए तैयारियों की समीक्षा की


प्रधानमंत्री ने संपूर्ण सरकारी दृष्टिकोण पर जोर दिया; अस्पतालों में पर्याप्त तैयारी के साथ-साथ जागरूकता सृजन के महत्व पर भी बल दिया

प्रधानमंत्री को आगामी गर्म मौसम के पूर्वानुमान और तापमान के सामान्य से अधिक रहने की संभावनाओं के बारे में जानकारी दी गई

प्रधानमंत्री ने स्वास्थ्य क्षेत्र की तैयारियों की भी समीक्षा की

सभी माध्यमों के द्वारा आवश्यक आईईसी/जागरूकता से संबंधित सामाग्री का, विशेष रूप से क्षेत्रीय भाषाओं में, समय से प्रसार पर बल दिया

स्वास्थ्य मंत्रालय और एनडीएमए द्वारा जारी की गई सलाह को क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवादित करने और व्यापक रूप से प्रसारित करने पर भी जोर दिया

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आगामी गर्मी के मौसम की तैयारियों की समीक्षा के लिए एक बैठक की अध्यक्षता की।

प्रधानमंत्री को आगामी महीनों में गर्म मौसम (अप्रैल से जून) के पूर्वानुमान सहित अप्रैल से जून, 2024 की अवधि के दौरान देश के अधिकांश हिस्सो में विशेष रूप से मध्य भारत और पश्चिमी प्रायद्वीपीय भारत में सामान्य से अधिक तापमान रहने की संभावना, से जुड़ी जानकारी प्रदान की गई।

आवश्यक दवाओं, आइस पैक, ओआरएस और पेयजल के संदर्भ में स्वास्थ्य क्षेत्र में तैयारियों की भी समीक्षा की गई।

टेलीविजन, रेडियो और सोशल मीडिया जैसे सभी प्लेटफार्मों के माध्यम से विशेष रूप से क्षेत्रीय भाषाओं में आवश्यक आईईसी/जागरूकता सामग्री के समय पर प्रसार पर जोर दिया गया। 2024 में सामान्य से अधिक गर्मी पड़ने की सभावना और इस दौरान होने वाले आम चुनावों को देखते हुए यह अनुभव किया गया कि स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय और एनडीएमए द्वारा जारी की गई सलाह का क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवाद किया जाए और व्यापक रूप से प्रसारित किया जाए।

प्रधानमंत्री ने संपूर्ण सरकारी दृष्टिकोण पर जोर देते हुए कहा कि केंद्र, राज्य और जिला स्तर पर सरकार के सभी अंगों और विभिन्न मंत्रालयों को इस पर तालमेल के साथ कार्य करने की आवश्यकता है। प्रधानमंत्री ने अस्पतालों में पर्याप्त तैयारी के साथ-साथ जागरूकता सृजन पर भी जोर दिया। उन्होंने जंगल की आग का त्वरित पता लगाने और उसे बुझाने की आवश्यकता पर भी जौर दिया।

बैठक में प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव, गृह सचिव, भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अधिकारियों ने भाग लिया।

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