सद्भभावना भवन में संपन्न हुआ प्रजापिता ब्रह्माकुमारी संस्थान का प्रेस वार्ता कार्यक्रम
*सद्भभावना भवन में संपन्न हुआ प्रजापिता ब्रह्माकुमारी संस्थान का प्रेस वार्ता कार्यक्रम*
*-आगामी दो दिनों तक किए जाने वाले रैली एवं चिंतन गोष्टी कार्यक्रमों की दी गई जानकारी*
*-हर तरह की चिंता और तनाव का एकमात्र इलाज मेडिटेशन है -बी के रूपाली*
*-संकल्प के महत्व को समझने वाले लोग राष्ट्रपति मुर्मू की तरह विशेष पदों पर सुशोभित होती हैं – बी के दुर्गेश नंदिनी*
महोबा। प्रजापिता ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय महोबा के सद्भावना भवन में बीते दिवस एक प्रेस वार्ता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में 20 एवं 21 अक्टूबर के आगामी दो दिनों में संपन्न होने वाले रैली एवं सम्मान समारोह कार्यक्रम की रूपरेखा एवं विषयों की जानकारी साझा की गई।
कार्यक्रम में ललितपुर से पधारी चित्रलेखा बहन ने कहा कि मानव कल्याण की भावना से ओतप्रोत प्रजापिता ब्रह्मा के बच्चे ही ब्रह्म कुमार एवं ब्रह्म कुमारी कहलाते हैं। मानव मात्र के कल्याण एवं सृष्टि के उत्थान के लिए विश्व के 48 देशों में विश्वविद्यालय सहज राजयोग की शिक्षा देने का कार्य कर रहा है। गैर सरकारी सलाहकार के रूप में संयुक्त राष्ट्र संघ के साथ भी ये आध्यात्मिक संस्था कार्य कर रही है। संस्थान की दादी प्रकाशमणि को विश्व शांति के दूत के रूप में अनेकोंनेक पुरस्कार भी दिए जा चुके हैं। महोबा की क्षेत्रीय संचालिका सुधा बहन ने आगामी कार्यक्रमों की रूपरेखा पर प्रकाश डालते हुए बताया कि अतिथि देवो भव की संस्कार रूपी मान्यताओं के बीच आगामी 20 एवं 21 अक्टूबर को भव्य शोभायात्रा एवं सम्मान समारोह कार्यक्रम आयोजित किए जाने हैं।कार्यक्रम में लगभग 1000 भाई बहनों द्वारा सद्भावना भवन से राठ चुंगी मलकपुरा बाईपास गल्ला मंडी रामकथा मार्ग से होते हुए परमानंद चौक और पुनः सद्भभावना भवन वापस पहुंच जाएगा। 22 अक्टूबर को तनाव मुक्त जीवन के विषय को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों एवं बुद्धिजीवियों के साथ माउंट आबू से पधार रही उषा बहन के नेतृत्व में सुबह 9 से 10:30 तक एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया जाना है। उन्होंने बताया कि ब्रह्माकुमारी आध्यात्मिक रूप से 87 वर्षों से कार्य करता चला आ रहा है जिसमें ब्रह्मचारिणी बहनों का शारीरिक मानसिक एवं आध्यात्मिक योगदान प्रशंसा की योग्य है। संस्थान से जुड़कर मातृशक्ति आगे बढ़ने एवं संपूर्ण रूप से बंधन मुक्त होकर केवल ईश्वरीय मर्यादाओं का ही पालन करती हैं।
वहीं चित्रकूटधाम से पधारी धार्मिक प्रभाग की क्षेत्रीय संयोजिका दुर्गेश नंदिनी बहन ने कहा कि पूरा जीवन जैसे सोचोगे वैसे बन जाओगे पर ही आधारित होता है। समय और संकल्प के महत्व वाले लोग राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी की भांति गौरवमयी पदों पर सुशोभित होती हैं। संकल्प के साथ व्यवहार और अधिकार भी अपने जीवन की दिशा को बदलने में सक्षम होती हैं। प्रत्येक वर्ग धर्म जाति संप्रदाय से ऊपर उठकर मानवों के जीवन को ज्ञान एवं योग के माध्यम से सशक्त बनाने का कार्य प्रजापिता ब्रह्मकुमारी संस्थान के द्वारा किया जा रहा है।
कार्यक्रम में ज्ञानवीणा पत्रिका के संपादक बीके शिव प्रकाश ने अपने संबोधन में कहा कि इस अंतरराष्ट्रीय संस्थान में राजयोग शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान 22 विंगों के माध्यम से मानव चरित्र निर्माण एवं उत्थान का कार्य कर रही है। ऐसा कोई क्षेत्र शेष नहीं जिसमें ब्रह्माकुमारी संस्थान द्वारा कार्य न किया जा रहा हो। अमृत महोत्सव जैसे राष्ट्रीय कार्यक्रम में संस्थान ने धरातल पर प्रशासन का सहयोग के द्वारा देश के यशस्वी प्रधानमंत्री की प्रशंसा भी प्राप्त की है। सरकारी अभियानों समेत नशामुक्ति एवं व्यसन मुक्ति के लिए ढेरों कार्य किए जाते रहे हैं। कार्यक्रम के अंत में बी के रूपाली ने अपने जीवन के अनुभवों और संस्थान से जुड़ने के उपरांत हुए बदलावों को साझा करते हुए कि हम सभी किसी न किसी बात को लेकर टेंशनाइज्ड(परेशान) रहते हैं। शिवानी बहन से प्रेरित रूपाली बताती है कि सामाजिक कुरीतियां एवं अन्याय हमेशा उन्हें कचोटते रहते थे, जिनका उत्तर उन्हें ब्रह्माकुमारी संस्थान में ही आकर मिला। लोग क्या कहेंगे ऐसा कहने वाले लोगों का स्वयं का आत्मबल कमजोर होता है। जिसे केवल और केवल मेडिटेशन और संस्थान के सेवाकार्यों द्वारा संबल प्रदान किया जा सकता है। सोच से ही सारी समस्याएं जन्म लेती हैं इसलिए निराकरण के लिए सोच बदलना बेहद जरूरी है। बीके सुदामा ने कहा कि अपने जीवन में परमपिता शिव के प्रति समर्पण दूसरों में ईश्वर का साक्षात्कार कराता है। विश्व के लिए मातृत्व भाव से कार्य करना ही समाज की सच्ची सेवा है।
कार्यक्रम के अंत में उपस्थित बुद्धिजीवियों एवं मीडिया बंधुओ का तिलक लगाकर पुस्तिका एवं डायरी भेंट करते हुए सम्मान किया गया।